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क्या नेहरू-गांधी खानदान के गढ़ की विरासत जाएगी वाड्रा के हाथों में? प्रियंका गांधी के पति ने जताई अमेठी से चुनाव लड़ने की इच्छा

अमेठी सीट से कांग्रेस समर्थक कभी राहुल गांधी तो कभी वरूण गांधी तो फिर कभी प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की मांग कर रहे है।

क्या नेहरू-गांधी खानदान के गढ़ की विरासत जाएगी वाड्रा के हाथों में? प्रियंका गांधी के पति ने जताई अमेठी से चुनाव लड़ने की इच्छा
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अमेठी। देश की वीवीआईपी और हॉट सीट अमेठी लोकसभा-37 पर जहां भारतीय जनता पार्टी ने बहुत पहले ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को चुनाव मैदान में पुन: उतारा है तो वहीं कांंग्रेस पार्टी ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर पायी है। इस हालात में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ ही आम जनमानस में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।


विपक्ष का आरोप है कि जो कभी(अमेठी) कांग्रेस का गढ़ रहा, आज वहीं इस पार्टी को चुनाव मैदान में उतारने के लिए प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। इस असंमजस के दौर में कांग्रेस की ओर से अमेठी में प्रत्येक सप्ताह अलग-अलग नामों को लेकर आम जनमानस कयास लगा रहा है। अब सोशल मीडिया पर कुछ लोगों के द्वारा एक पोस्टर वायरल किया जा रहा है, जिसमें यह कहा जा रहा है कि अमेठी से रॉबर्ट वाड्रा चुनाव लड़ेंगे।हालांकि रॉबर्ट वाड्रा ने खुद भी यहां से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। रॉबर्ट वाड्रा का कहना है कि अमेठी के लोग चाहते हैं वह चुनाव लड़े।

क्या वाड्रा के हाथों में जाएगी नेहरू-गांधी परिवार की विरासत -

बता दें की राजनीति में एंट्री को लेकर रॉबर्ट वाड्रा की ये पहली प्रतिक्रिया नहीं है। इससे पहले अप्रैल 2022 में भी उन्होंने ऐसा संकेत दिया था। तब कहा था–‘अगर लोग चाहते हैं कि मुझे उनका प्रतिनिधित्व करना चाहिए, और अगर मैं कुछ बदलाव ला सकता हूं, तो मैं यह कदम उठाऊंगा।’ हालांकि इस मामले में अब तक कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और गाँधी परिवार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि क्या कभी नेहरू गांधी खानदान की विरासत रही ये लोकसभा अब वाड्रा परिवार के पास जाएगी ?

गौरतलब है कि अमेठी सीट के 57 सालों के इतिहास में यहां ज्यादातर कांग्रेस का ही दबदबा रहा है। साल 1967 में अमेठी लोकसभा सीट पर पहले चुनाव से लेकर अब तक 16 लोकसभा चुनाव (2 उपचुनाव समेत) हो चुके हैं। जिसमें 13 बार कांग्रेस ने परचम लहराया है, जबकि एक बार जनता पार्टी और दो बार बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल की है।

अमेठी लोकसभा का इतिहास -

  • साल 1967 में बनी अमेठी लोकसभा सीट पर पहली बार कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी सांसद बने। तब उन्होंने भारतीय जनसंघ के गोकुल प्रसाद पाठक को 3,665 वोटों के अंतर से हराया था। इसके बाद 1971 के चुनाव में विद्याधर वाजपेयी ने गोकुल प्रसाद 74,977 वोटों के अंतर से दोबारा हराया।
  • साल 1977 में अमेठी से पहली बार गांधी परिवार के संजय गांधी चुनाव मैदान में उतरे लेकिन हार गए।
  • साल 1981 में संजय गांधी की मौत के हुए उपचुनाव में राजीव गांधी ने इस सीट से जीत दर्ज की।
  • साल 1984 1989 और 1991 में लगातार तीन बार राजीव गांधी अमेठी से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे।
  • 1998 में पहली बार यहां भाजपा को जीत मिली। संजय सिंह ने कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाई और लोकसभा पहुंचे।
  • साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में सोनिया गाँधी ने यहां से पहला चुनाव जीता।
  • साल 2004 में राहल गांधी ने पहली बार यहां से लोकसभा चुनाव जीता।
  • इसके बाद साल 2009 और 2014 में भी राहुल गांधी ने यहां से जीत दर्ज की।
  • साल 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हराकर कांग्रेस से ये सीट छीन ली।
  • अब 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा से स्मृति ईरानी एक बार फिर चुनाव मैदान में है। वहीँ कांग्रेस में अनिश्चितता का माहौल है।

राहुल से लेकर रॉबर्ट तक की उठी मांग -

लोक सभा सीट अमेठी पर प्रत्येक सप्ताह अलग-अलग नामों के कयास लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस समर्थक कभी राहुल गांधी तो कभी वरूण गांधी तो फिर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी की बेटी आराधना मिश्रा उर्फ मोना, अब सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का नाम सुर्खियों में है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि यह नाम आखिर कब तक चलता है और कब दूसरे अन्य नाम पर संभावनाएं तलाशी जायेगी। वैसे भी अगर अमेठी से रॉबर्ट वाड्रा चुनाव लड़ते हैं तो भारतीय जनता पार्टी को यह बड़ा मुद्दा मिलेगा, क्योंकि वह लगातार परिवारवादी पार्टी के रूप में कांग्रेस का घेराव करती रहती है।

Updated : 13 April 2024 12:11 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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