Home > राज्य > उत्तरप्रदेश > लखनऊ > लॉकडाउन खुलने के बाद फिर से हाईस्पीड में दौड़ेंगी ट्रेनें, नए सिस्टम से बिछाई जा रही पटरियां

लॉकडाउन खुलने के बाद फिर से हाईस्पीड में दौड़ेंगी ट्रेनें, नए सिस्टम से बिछाई जा रही पटरियां

लॉकडाउन खुलने के बाद फिर से हाईस्पीड में दौड़ेंगी ट्रेनें, नए सिस्टम से बिछाई जा रही पटरियां
X

लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सब कुछ लॉकडाउन किया गया है। रेलवे ने भी ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया है। लेकिन इस दौरान रेलवे ने मेंटेनेंस के काम पर फोकस किया है। जहांं जिस काम पटरियां बदलनी है वहां पटरियां बदली जा रही है, जिन कोच में रिपेयरिंग की जरूरत है उसे किया जा रहा है।

लखनऊ में भी रेलवे लॉकडाउन के दौरान नई पटरियों को बिछाने का काम तेजी के साथ कर रहा है। मंडल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी के निर्देशन में यह काम चल रहा है। जहां लखनऊ कानपुर रेल खंड के उन्नाव-मगरवारा के बीच नई पटरियों को मैकेनाइज्ड यानी बिना पटरियों को बिल्ड किए नई पद्धति से बिछाया जा रहा है।

इस कार्य से हाईस्पीड ट्रेनों के संचालन में कई समस्याएं कम होंगी। यात्रियों को पटरियों से झटका नहीं लगेगा और ट्रेन का सफर पहले से सुरक्षित होगा। लखनऊ के रास्ते लंबी दूरी की दो सौ से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हैं। इस रेलखंड की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए इस काम को तेजी गति से संपन्न कराया जा रहा है। पटरियों को बिछाने के इस कार्य से जहां एक ओर इस रेलखंड पर आवागमन करने वाली रेलगाड़ियों की संचालन प्रक्रिया पहले से और बेहतर हो जाएगी। वहीं इस रेल खंड पर ट्रेन से यात्रियों को सफर और भी सुरक्षित होगा। मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के आपसी सामंजस्य से इस काम की योजना बनी। जिसके आधार पर इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान गरीबों और जरूरतमंद लोगों को अब तक भोजन के 30 लाख से अधिक पैकेट बांटे हैं। भारतीय रेल ने एक बयान में यह कहा गया है।20 अप्रैल को रेलवे ने भोजन के 20 लाख पैकेट के आंकड़े को पार कर लिया था और पिछले 10 दिनों में और 10 लाख लोगों को मुफ्त भोजन बांटा गया। बयान में कहा गया है, वैश्विक महामारी ने जो अभूतपूर्व स्थिति पैदा की है उसने बड़ी संख्या में लोगों को भूखे रहने की कगार पर पहुंचा दिया है। इस महामारी से बुरी तरह से प्रभावित हुए लोगों में विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोग, दिहाड़ी मजदूर, प्रवासी कामगार, बच्चे, कुली, बेघर लोग, गरीब और कई अन्य तबका शामिल है। इसमें कहा गया है कि रेलवे आईआरसीटीसी की रसोई, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के संसाधनों और गैर सरकारी संगठनों के योगदान के जरिये पेपर प्लेट के साथ दोपहर का भोजन और रात के खाने के लिये भोजन के पैकेट उपलब्ध करा रहा है।

जरूरतमंद लोगों को भोजन बांटने के समय उनके बीच दूरी और स्वच्छता का भी ध्यान रखा गया। भोजन के 17.7 लाख पैकेट भारतीय रेलवे खान-पान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) द्वारा मुहैया किये गये, करीब 5.18 लाख पैकेट आरपीएफ ने अपने संसाधनों से उपलब्ध कराये, लगभग 2.53 लाख पैकेट रेलवे के वाणिज्यिक एवं अन्य विभागों ने दिये तथा करीब 5.60 लाख पैकेट रेल संगठनों के साथ काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों ने दान किये।

Updated : 1 May 2020 5:50 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top