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पीएमओ ऑफिस ने वसीम रिजवी के पत्र का लिया संज्ञान

पीएमओ ऑफिस ने वसीम रिजवी के पत्र का लिया संज्ञान
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लखनऊ। उप्र शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 'द प्लेसेस आफ वर्कशीप(स्पेशल प्राविजन) एक्ट 1991' समाप्त करने के लिए एक पत्र लिखा था। इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए गृह मंत्रालय को कार्यवाही के सम्बन्ध में निर्देशित किया है।

बीते 25 जुलाई को उप्र शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने एक्ट द प्लेसेस आफ वर्कशीप(स्पेशल प्राविजन) को राष्ट्र हित में समाप्त करने की मांग की थी। बोर्ड अध्यक्ष ने पत्र के माध्यम से कहा था कि इस एक्ट में सन् 1947 के पहले बने धार्मिक स्थलों को जस का तस रखा गया। इस कानून से सिर्फ बाबरी मस्जिद या रामजन्मभूमि प्रकरण को अलग रखा गया है। इसके अतिरिक्त सभी मस्जिदों को एक्ट के तहत सुरक्षित कर दिया गया है।


वसीम रिजवी ने पत्र में कहा था कि देश में नौ मस्जिदे ऐसी हैं, ​जिन्हे मंदिरों को तोड़कर बनाया गया। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर, गुजरात के बटना में रूद्रा महालया मंदिर, मथुरा में केशव देव मंदिर, जौनपुर में अटाला देव मंदिर, अहमदाबाद में भद्राकाली मंदिर, पश्चिम बंगाल के पंडुवा में अदीना मस्जिद, मध्य प्रदेश के विदिशा में विजया मंदिर, दिल्ली का कूवतुल इस्लाम कुतुब मीनार और उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम मंदिर (वर्तमान में प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में लम्बित है) को विदेशी आक्रमणकारियों ने तोड़कर मस्जिद बनवाया था। ऐसे विवादित स्थल जहां विवाद है, उनको साक्ष्यों के आधार पर तय करने हेतु एक कमेटी का गठन किया जाये तथा सक्षम न्यायालयों में सभी विवादित धार्मिक स्थलों का मामला तय करा कर सभी ​धार्मिक विवादित स्थलों का प्रकरण समाप्त किया जाये। भारत के भविष्य के लिए यह होना अति आवश्यक है।

वसीम रिजवी ने बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मामले को संज्ञान में लेने की जानकारी देते हुए बताया कि द प्लेसेस आफ वर्कशीप(स्पेशल प्राविजन) एक्ट 1991' समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र को प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है। इस एक्ट को समाप्त करना जरुरी है। इसे समाप्त करने की वह मांग करते है। वह प्रधानमंत्री कार्यालय को शुक्रिया करते है कि इस गम्भीर मामले को संज्ञान में लिया गया है।

Updated : 12 Sep 2018 3:07 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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