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हाथरस कांड : तीन सदस्यीय एसआईटी को मिली और 10 दिन की मोहलत

हाथरस कांड : तीन सदस्यीय एसआईटी को मिली और 10 दिन की मोहलत
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लखनऊ। हाथरस गैंगरेप मामले की जांच के लिए सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में बनाई गई तीन सदस्यीय एसआईटी आज अपनी रिपोर्ट पेश नहीं करेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी को जांच के लिए 10 दिन की और मोहलत दी है। यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह विभाग) अवनीश के अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) को अपनी रिपोर्ट देने का समय 10 दिन बढ़ा दिया है।

सूत्रों का कहना है कि एसआईटी ने अपनी पड़ताल के दौरान 100 से अधिक लोगों के बयान कलमबंद किए हैं। इसमें पीड़िता के परिवार के अलावा अभियुक्तों, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के बयान भी शामिल हैं। इस मामले में कुछ और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है। वहीं, एसआईटी द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के एसपी, सीओ समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था।

हाथरस कांड में चारों आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पीड़िता के परिवार और विपक्ष के आरोपों के मद्देनजर यूपी सरकार ने पहले तीन सदस्‍यीय एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे। लेकिन इस कांड को लेकर सरकार और पुलिस के एक्शन पर सवाल उठने लगे थे, जिसके बाद यूपी सरकार ने सोमवार को यह मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया।

आम आदमी पार्टी की विधायक राखी बिड़लान ने हाथरस से लौटने के बाद मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि योगी सरकार हाथरस में आरोपियों को बचा रही है। विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है।

गौरतलब है कि हाथरस जिले के एक गांव में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की से चार लड़कों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था। इस लड़की की बाद में 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। मौत के बाद आनन-फानन में पुलिस ने रात में अंतिम संस्कार कर दिया था, जिसके बाद काफी बवाल हुआ। परिवार का कहना है कि उसकी मर्जी से पुलिस ने पीड़िता का अंतिम संस्कार किया, वहीं पुलिस ने इन दावों को खारिज किया।

Updated : 7 Oct 2020 5:42 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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