Home > स्वदेश विशेष > भारत के प्रधानमंत्री का वेतन 01 लाख 60 हजार रूपये है, लेकिन...

भारत के प्रधानमंत्री का वेतन 01 लाख 60 हजार रूपये है, लेकिन...

भारत के प्रधानमंत्री का वेतन 01 लाख 60 हजार रूपये है, लेकिन...
X

नई दिल्ली। विज्डम डाट काम नामक एक कम्पनी ने नौकरीपेशा लोगों में एक सर्वे कराया था। जिसमें 70 प्रतिशत लोगों ने माना कि उनका वेतन या आमदनी बाजार मानकों के अनुरूप नहीं है और वे इससे संतुष्ट नहीं हैं। तीस प्रतिशत ने माना कि उन्हे उनके दायित्व के हिसाब से कम वेतन मिलता है।

लेकिन राजनीति में सोच अलग है। यहां नेता पैसा से अधिक पावर को महत्त्व देते है। पावर से मतलब पावरफुल पद , मंत्रालय इत्यादि । इसके बारे में बीएचयू प्रबंध संकाय के डीन रहे प्रो.छोटे लाल का कहना है कि भारत के प्रधानमंत्री का वेतन 01 लाख 60 हजार रूपये है । इनको इसके अलावा अन्य सरकारी भत्ते, सुविधायें, सुरक्षा आदि भी अन्य सुविधाएं दीं जाती हैं। भारत के राष्ट्रपति का वेतन है 5 लाख रूपये महीना और रहने के लिए बहुत बड़ा महलनुमा आवास राष्ट्रपति भवन और लाव - लश्कर , तमाम सुविधायें अलग से मिलती हैं। सेवानिवृति के बाद इनको डेढ़ लाख रूपये महीना पेंशन ,इनके रहने के लिए आवास , सेक्रेटेरिएट , सुरक्षा आदि भी मिलते हैं। भारत का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति होता है। कानून पर अंतिम मुहर लगाने से लगायत प्रधान मंत्री या मंत्री तक को शपथ दिलाने का काम उसी के द्वारा होता है। सभी कुछ उसी की हस्ताक्षर से होता है। लेकिन सबको पता है कि भारत में राष्ट्रपति से कम वेतन पाने वाला प्रधानमंत्री की हैसियत क्या होती है।

इस देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक मुकेश अंबानी की कम्पनी ने पिछले एक वर्ष में प्रति दिन 300 करोड़ रूपये कमाये । उस मुकेश अंबानी का सालाना वेतन बीते 10 वर्ष से 15 करोड़ रूपये है। यह तो प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के वेतन से बहुत ही अधिक है। लेकिन उनकी हैसियत वह नहीं है जो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की है। गुगल के मुख्य कार्यकारी अफसर सुंदर पिचाई को बीते वर्ष वेतन,बोनस आदि मिलाकर लगभग 1300 करोड़ रूपये मिले थे। लेकिन उनकी हैसियत भारत के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री वाली नहीं है।

भारत के उपराष्ट्रपति का वेतन 4 लाख रूपये महीना है। उसके अलावा उनको रहने के लिए बहुत बड़ी कोठी व अन्य तमाम सुविधायें मिलती हैं। राज्यपालों का मासिक वेतन 3 लाख 50 हजार रूपये है। उनको रहने के लिए बड़े बंगले (राज भवन) व अन्य तमाम सुविधाएं मिलती हैं। इनके वेतन भी भारत के प्रधानमंत्री से अधिक हैं। लेकिन प्रधानमंत्री देश का एक तरह से सीईओ होता है। राज्यपाल नहीं।

कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के वेतन प्रधानमंत्री के वेतन से अधिक हैं। जैसे दिल्ली के मुख्यमंत्री का मासिक वेतन 3 लाख 90 हजार रूपये, उ.प्र. के मुख्यमंत्री का 3 लाख 65 हजार रूपये, सिक्किम के मुख्यमंत्री का वेतन 1 लाख 90 हजार रूपये, केरल के मुख्यमंत्री का 1 लाख 85 हजार रूपये है। इन सबका वेतन प्रधानमंत्री के वेतन से अधिक है। जबकि दोनों के पावर में जमीन – आसमान का अंतर है। इस बारे में पूर्व सांसद हरिकेश बहादुर का कहना है, "इसीलिए कहते हैं लोकतंत्र में अधिक पैसा पाने वाला पावरफुल नहीं होता है। आम जनता जिसको चुनती है उसका बहुतमत वाला नेता सबसे पावरफुल होता है। इसलिए इसकेलिए हर तरह के हथकंडे अपनाये जाते हैं ।"

Updated : 10 Nov 2018 8:11 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top