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पुस्तक समीक्षा : द गेम इन स्कूल - स्टोरी ऑफ होप एंड लाइफ - ईलाक्षी विक्रम सिंह

पुस्तक समीक्षा : द गेम इन स्कूल - स्टोरी ऑफ होप एंड लाइफ - ईलाक्षी विक्रम सिंह
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ईलाक्षी विक्रम सिंह भारतीय प्रशासनिक अधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह की बेटी हैं। कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ग्वालियर में कलेक्टर रहे हैं। वर्तमान में मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध संचालक हैं। मध्यप्रदेश भोपाल निवासी ईलाक्षी की 13 वर्ष की उम्र में दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। अभी हाल ही में प्रकाशक डिजिटल एंटरप्राइज द्वारा “द गेम इन स्कूल - स्टोरी ऑफ होप एंड लाइफ” पुस्तक प्रकाशित की है। 14 पृष्ठीय बहुरंगी पुस्तक अंग्रेजी में है।


नवोदित बाल लेखिका ईलाक्षी विक्रम सिंह ने कक्षा 5 में अध्ययन के दौरान पुस्तक में अपने संवेदनशील दृष्टिकोण से एक ऐसी मासूम लड़की के संघर्ष के बारे में बताया है जिसने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अपनी माँ को खो दिया। दूसरे देश पहुंचकर किस प्रकार कठिनाईओं का सामना करना पड़ा। बहुमुखी प्रतिभा की धनी ईलाक्षी ने पुस्तक में अपनी कल्पनाशक्ति को प्रदर्शित किया है। कहानी की लेखनी, शब्द संयोजन, भाषा, व्याकरण का कुशलतापूर्वक उपयोग किया है। पुस्तक में आठ अध्याय हैं। जो एक मासूम लड़की गिली गैंस्टर के संघर्ष, दुख और सफलता के बारे में बताया है। परेशानियों के बावजूद गिली का कभी भी प्रतिशोध न दिखाने का रुख कहानी को रोमांचित करती है और कई भावनाओं को छोड़ जाती है।

दरअसल हमारी सोच ही होती है जो हमें सफल और असफल बनाने की दिशा में ले जाती है। पुस्तक में लिखी करूणापूर्ण साहित्यिक कहानी सोचने को विवश करती है। इस कहानी के अनुसार मनुष्य को प्रतिशोध का परित्याग किया जाना ही अच्छा है। जीवन में जहाँ आशा और उत्साह है वहीं सफलता है। लेखिका के लिखे प्रेरणादायी विचारों में बौद्धिकता, सहानभूति और मूल्य प्रणाली परिलक्षित होती है। बाल लेखिका इलाक्षी ने अंग्रेजी में रचनात्मक विमर्श वाली पुस्तक लिखकर बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है। ईलाक्षी विक्रम सिंह की प्रथम पुस्तक “टू फ्रैंड्स” है। वर्तमान में ईलाक्षी विक्रम सिंह कक्षा 6 संस्कार वैली स्कूल भोपाल में अध्ययन कर रही हैं। नवोदित लेखिका होने के साथ पेंटिंग बनाने और पढ़ने में भी रूचि रखती हैं।

पुस्तक परिचय

रचनात्मक विमर्श और अभिव्यक्ति से परिचय कराती साहित्यिक पुस्तक द गेम इन स्कूल में नवोदित लेखिका ईलाक्षी विक्रम सिंह ने ऐसी मासूम लड़की “गिली गैंस्टर” की कहानी को बताया है की जिसने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अपनी माँ को खो दिया। वो लड़की अपने पिता “ग्रिम” और अपने भाई फ़्रैन के साथ अपने गृह देश सर्बिया से सुदूर दूसरे देश होन्डुरस में शरण ले लेती है। वहां उन्हें रहने के लिए एक जगह मिली, जिसका नाम 'शिन्सिल पाइन' था। लड़की की पारिवारिक स्थिति ठीक न होने के चलते प्रतिदिन एक ही ड्रेस पहनकर स्कूल पहनकर जाती जहाँ उसका मजाक उड़ाया जाता था।

लेखिका ने प्रथम अध्याय में बताया की कैसे गिली और उसके भाई के दूसरे देश होन्डुरस पहुंचकर स्कूल में प्रवेश लिया और किस प्रकार कठिनाईओं का सामना करना पड़ा। द्वितीय अध्याय में शांत लड़की गिली गैंस्टर की स्कूल में दो दिन की अनुपस्थिति से उसकी दोस्त एमा और अमेलिन अमी ने ओलिवर स्ट्रीट पर गिली का इंतजार किया। दोनों स्कूल पहुँचने में क्यों लेट हुईं उसके बारे में बताया है। तीसरे अध्याय में कैसे शिन्सिल पाइन से आने वाली लड़की गिली की दोस्त एमी क्यों सोचने लगी कि ये खेल कैसे शुरू हुआ ?

चौथे और पांचवे अध्याय में लेखिका ने बताया है की स्कूल में एक ही पुरानी ड्रेस को पहनकर आने वाली गिली ने स्कूल में आयोजित प्रोग्राम में पहुंचने के दौरान अपनी फ्रैंड एमा से क्यों कहा की “मेरे पास भी 200 नई ड्रेसें हैं” दूसरे दिन मिस मार्सेल प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा के कारण एम्मा और एमी ने भी गिल का इंतज़ार नहीं किया क्योंकि वो भी परिणाम जानने के लिए बहुत उत्साहित थीं की किस लड़की ने यह पुरस्कार जीता है। शिक्षक ने 'गिली ​​गैन्स्टर' का एक नोट सभी बच्चों को पढ़कर सुनाया इससे उसकी दोस्त एमी को बहुत दुःख हुआ।

छठे अध्याय में गिली के स्कूल छोड़ने के कारणों के चलते उसकी दोस्त एमी अपनी पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पा रही थी। वह सब कुछ भूलने की कोशिश कर रही थी लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाई। यही सोच में डूब गयी की गिली प्रकृति की तरह ही कितनी शांत, शांत, सुंदर और विनम्र थी। फिर उसने शिन्सिल पाइन जाकर गिली को वापस लाने का प्लान बनाया। वहां पहुंचकर उसके पुराने घर देखकर स्तब्ध हो गयी। स्वयं से सवाल करने लगी की 200 ड्रैसे कैसे ? फिर एमी बैठकर कुछ सोचने लगी।

सातवे अध्याय में बताया है की गिली की दोस्त एम्मा और एमी ने पत्र लिखकर कहा की आपकी ड्राइंग बहुत सुन्दर थीं हम आपके ड्राइंग चित्र देखकर आश्चर्यचकित रह गये। आपने स्कूल में आयोजित हुई प्रतियोगिता जीत ली है। कई दिन बीत गए, वे गिली के जवाब का इंतजार करते रहे लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

अंतिम अध्याय में बताया की नये साल की पार्टी के दौरान सभी ने सुंदर कपड़े पहने हुए थे। पार्टी में बच्चे गाना गा रहे थे, डांस कर रहे थे और वाद्ययंत्र भी बजा रहे थे। पार्टी खत्म होने के बाद मिस मार्सेल ने बच्चो से कहा मुझे गिली गैंस्टर से एक पत्र मिला है। पत्रानुसार गिली ने कहा की मेरे नए स्कूल का नाम मिसवेथ मैनर है। स्कूल और शहर का नाम जानकार उत्साहित टीचर ने उसको पुरस्कार भेजना का फैसला किया।

30 वर्ष बाद गिली की शिक्षिका मिस मार्सेल ने "लाइफ अचीवमेंट आर्ट अवार्ड" का पुरस्कार के लिए पुराने बच्चों की खोज शुरू की। यह पुरस्कार उस देश के राष्ट्रपति द्वारा सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को दिया जाना था। उन्हें एम्मा, पिंकी, एमेलिन, ग्रिंच, थॉमस और कुछ अन्य नाम के अपने पुराने बच्चे मिले। लाखों डॉलर में बिकने वाली पेंटिंग बनाने वाली पिंकी को राष्ट्रपति ने पुरस्कार दिया। पिंकी का ही असली नाम “गिली गैंस्टर” था।

पुस्तक समीक्षक - नवीन सविता

Updated : 11 July 2023 7:12 PM GMT
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Naveen Savita

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