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रिकार्ड मतों से जीतने में सिंधिया परिवार अव्वल

सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाली सांसद रहीं हैं इंदौर से सुमित्रा महाजन

रिकार्ड मतों से जीतने में सिंधिया परिवार अव्वल
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भोपाल/सुमित शर्मा मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के इतिहास में सबसे ज्यादा रिकार्ड मतों से जीतने में अब तक सिंधिया परिवार का ही दबदबा रहा है। सिंधिया परिवार के ज्यादातर सदस्यों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराने के साथ ही मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा रिकार्ड मतों से विजयश्री भी प्राप्त की है। इनमें विजयाराजे सिंधिया से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया तक का नाम है। हालांकि अब तक के सबसे ज्यादा मतों से जीतने का रिकार्ड इंदौर सांसद सुमित्रा महाजन के नाम पर दर्ज हैं। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतों से जीत दर्ज कराई थी।

मध्यप्रदेश के लोकसभा चुनावों में सिंधिया परिवार का हमेशा से दबदबा रहा है। वर्ष 1962 के लोकसभा चुनाव में ग्वालियर सीट से विजयाराजे सिंधिया ने कांगे्रस से चुनाव लड़ा और रिकार्ड मतों से जीत भी दर्ज कराई। उन्होंने 1 लाख 48 हजार 820 रिकार्ड मतों से चुनाव जीता। इसके बाद वर्ष 1967 में हुए आम चुनाव में भी विजयाराजे सिंधिया ने ग्वालियर से एक लाख 86 हजार 189 मतों से चुनाव जीता। वर्ष 1971 के लोकसभा चुनाव में रिकार्ड मतों से चुनाव जीतने का श्रेय रीवा सीट से मार्तण्ड सिंह को गया। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और एक लाख 99 हजार 694 मतों से चुनाव जीता। यह रिकार्ड मार्तण्ड सिंह ने वर्ष 1980 के आम चुनाव में भी बनाया। उन्होंने इस बार भी रीवा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और इस बार जीत का अंतर बढ़ाकर 2 लाख 38 हजार 351 पर ले गए। उनके सामने प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी के तौर पर यमुना प्रसाद शास्त्री जेएनपी से थे। हालांकि 1980 से पहले वर्ष 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकतांत्रित दल (भालोद) से चुनाव लड़े रघुवीर सिंह ने भी सबसे ज्यादा मतों से जीतने का रिकार्ड बनाया। उन्होंने कांग्रेस के राघवराम को एक लाख 60 हजार 894 मतों से हराया। वर्ष 1984 के आम चुनाव में यह रिकार्ड फिर सिंधिया परिवार से चुनाव लड़े माधवराव सिंधिया ने बनाया। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और एक लाख 75 हजार 594 रिकार्ड मतों से जीते। इस बार माधवराव सिंधिया ने भाजपा प्रत्याशी अटलबिहारी वाजपेयी को हराया। वर्ष 1989 के आम चुनाव में खजुराहो लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी भाजपा की उमाभारती ने कांग्रेस की विद्यावती चतुर्वेदी को एक लाख 93 हजार 345 मतों से पराजित किया। इसके बाद वर्ष 1991 के आम चुनाव में झाबुआ संसदीय सीट से कांग्रेस के दिलीप सिंह भूरिया ने भाजपा की रेलम चौहान को रिकार्ड एक लाख 34 हजार 402 मतों से पराजित किया। वर्ष 1996 के आम चुनाव में यह रिकार्ड ग्वालियर से माधवराव सिंधिया ने एक बार फिर बनाया। उन्होंने रिकार्ड 2 लाख 23 हजार 994 मतों से जीत हासिल की। वर्ष 1998 के आम चुनाव में भोपाल से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े सुशीलचंद्र वर्मा ने कांग्रेस के आरिफ बेग को एक लाख 93 हजार 932 मतों से हराया। वर्ष 1999 के आम चुनाव में गुना से चुनाव लड़े माधवराव सिंधिया ने भाजपा के राव देशराज सिंह को 2 लाख 14 हजार 428 मतों से हराकर सबसे ज्यादा रिकार्ड मतों से जीत हासिल की। वर्ष 2004 के आम चुनाव में यह रिकार्ड भाजपा के कैलाश जोशी ने बनाया। उन्होंने भोपाल से चुनाव जीतकर कांग्रेस के शाजिद अली को 3 लाख 6 हजार मतों से हराया। वर्ष 2014 के आम चुनाव में यह रिकार्ड इंदौर से सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के नाम पर रहा। उन्होंने अब तक के लोकसभा इतिहास में सबसे ज्यादा मतों से जीत हासिल की। सुमित्रा महाजन ने भाजपा के सत्यनारायण पटेल को 4 लाख 66 हजार 901 मतों से चुनाव हराया।

1984 में खाता भी नहीं खुला, लेकिन फिर लगातार जीतती रही भाजपा

मध्यप्रदेश भाजपा के लिए वैसे तो लोकसभा चुनाव हमेशा से लकी साबित हुए हैं, लेकिन वर्ष 1984 के आम चुनाव में भाजपा यहां से खाता भी नहीं खोल पाई थी। हालांकि उसके बाद से लगातार भाजपा ने कई सीटों पर जीत दर्ज कराई। वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। इसके बाद वर्ष 1984 में लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें मध्यप्रदेश में भाजपा ने एक भी सीट नहीं जीती, लेकिन उसके बाद वर्ष 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 21 सीटों पर जीत दर्ज कराई। वर्ष 1991 में भाजपा सिर्फ 12 सीटों पर ही जीत सकी, लेकिन 1996 के आम चुनाव में भाजपा ने फिर अपनी सीटों की संख्या बढ़ाई और इस बार 21 सीटें जीतने में कामयाब हुई। वर्ष 1998 के आम चुनाव में भाजपा ने 23 सीटें जीती तो वहीं वर्ष 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में दो सीटें कम हो गई और इस बार भाजपा को 21 सीटें मिलीं, लेकिन वर्ष 2004 में सीटों की संख्या बढक़र 25 हो गई। इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 16 सीटें मिली। 2014 में मोदी लहर में भाजपा ने प्रदेश में 27 सीटें जीती, लेकिन बाद में रतलाम सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज कराई। वर्तमान में प्रदेश में भाजपा के पास 26 सीटें हैं।

Updated : 30 March 2019 4:54 PM GMT
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Vikas Yadav

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