खुशियों के दीप
उदयभान रजक
स्वदेश डेस्क | 12 Nov 2020 9:46 AM GMT
X
X
खुशियों के दीप
निगाहों में दुनिया की खूबसूरती भरो और खुश रहो।
जीवन में प्रेम भरो और प्रफुल्लित रहो।।
क्योंकि प्रेम है खुश्बू जिससे गुलाब सा महकेंगे।
और ताजगी भरी चमक लिए सूरज सा चमकेंगे।।
मुख से प्रभु का नाम लो प्रेम से।
जिंदगी में आनन्द आयेगा प्रेम से।।
प्रेम से शीतलता आयेगी मन में।
जिससे तरावट रहेगी तनबदनमें।।
और जीने के लिए उमंगें जागेगी जीवन में।।
जलाते रहेंगे खुशियों के दीप हम।
महापर्व दीपावली मनाते रहेंगे हम।।
और फोडते रहेंगे हंसी खुशी के पटाखे धम।।
एक दूजे को देंगें शुभ कामनाएं।
भरकर हिर्दय मे प्रेम से भावनाएं।।
हम खायेंगे मिठाई बैठ आंगन मे।
फुलझड़ियां खुशियों की जलेंगी हर आगन मे।।
जगमग होगा रोशनी से सारा भारत।
जो हमारी होती है असली चाहत।।
महापर्व दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं
कवि - उदयभान रजक
Updated : 12 Nov 2020 9:46 AM GMT
Tags: #Diwali #Deepawali #Mp #Poetry
स्वदेश डेस्क
वेब डेस्क
Next Story
© 2017 - 2018 Copyright . All Rights reserved.
Designed by Hocalwire