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मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिलते ही हुई तीन बाघों की मौत

मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिलते ही हुई तीन बाघों की मौत
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उमरिया। मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिलते ही उमरिया जिले में तीन बाघों की मौत हो गई। एक बाघिन और दो शावकों की मौत की इस घटना को रिजर्व प्रबंधन आपसी लड़ाई का परिणाम बता रहा है। लेकिन रिजर्व प्रबंधन द्वारा इस घटना को मीडिया से छुपाने के प्रयास संदेह पैदा कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई से एक दिन पहले 28 जुलाई को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाघिन और उसके शावक के शव मिले थे। रिजर्व प्रबंधन के अनुसार बाघिन की मौत करीब 5 दिन पहले और उसके 9 माह के नर शावक की मौत करीब 3 दिन पहले हो गई थी। जिले के सामान्य वन क्षेत्र की घुनघुटी रेंज में भी मंगलवार को एक नर शावक का शव पाया गया है। रिजर्व प्रबंधन इसे भी किसी बाघ के हमले का परिणाम मान रहा है।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने अपनी ओर से तो इस संबंध में मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी। सूत्रों से जब मीडिया को इसकी जानकारी मिली तो घटना की विस्तृत जानकारी के लिए पार्क के अधिकारियों को फोन लगाए गए, लेकिन प्रभारी पार्क संचालक एके जोशी ने किसी का फोन नहीं उठाया। पार्क के एसडीओ और प्रभारी उप संचालक ए के शुक्ला से जब बात हुई तो उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों को जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूर ताला में बुलाया। जब सभी लोग वहां पहुंचे तो उन्होंने कहा कि मैं उमरिया आ गया हूं और अभी व्यस्त हूं। इससे घटना को लेकर संदेह की चर्चा को और बल मिल गया।

उमरिया में प्रभारी उप संचालक ए.के.शुक्ला ने बताया कि बाघिन टी 62 ने अपने 2 शावकों के साथ शिकार किया था। शिकार को खाने के दौरान ही नर बाघ टी-33 आ गया। शावकों को बचाने के लिए बाघिन टी-62 बाघ से भिड़ गई। इस हमले में बाघिन टी-62 की मौत हो गई, वहीं उसके घायल शावक ने दो दिन बाद दम तोड़ दिया। प्रभारी उप संचालक ए.के.शुक्ला का कहना है कि इस लड़ाई के बाद से गायब बाघिन टी-62 की मादा शावक भी मिल गई है। बाघ टी-33 के पगमार्क मिले हैं, उसकी तलाश की जा रही है। प्रभारी उप संचालक शुक्ला के अनुसार बारिश के मौसम में इस तरह की लड़ाइयां साधारण बात है।

जिले के सामान्य वन क्षेत्र की घुनघुटी रेंज में मड़वा गांव के समीप मंगलवार को एक बाघ शावक का शव मिला। शावक की उम्र करीब 9 माह बताई गई है। इस संबंध में एसडीओ राहुल मिश्रा का कहना है कि शावक की मौत किसी वयस्क बाघ के हमले में हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद विस्तृत जानकारी मिलेगी। बुधवार को शावक के पोस्टमार्टम के उपरांत उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

तीन बाघों की मौत को लेकर टाइगर रिजर्व और वन विभाग की मानसून गश्त सवालों के घेरे में आ गई है। यदि गश्त ठीक से की जा रही होती तो बाघिन और उसके शावक की मौत की सूचना सही समय पर मिल जाती। बल्कि घायल शावक जिसकी मौत बाघिन की मौत के दो दिन बाद हुई, उसे बचाया भी जा सकता था।

Updated : 31 July 2019 5:07 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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