मंदसौर रेप कांड: महज 55 दिनों में दोनों आरोपियों को मिली मौत की सजा
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मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर में सात साल की मासूम बच्ची के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी करने वाले दोनों आरोपियों को घटना के महज 55 दिन में ही अदालत ने मंगलवार को मौत की सजा सुनाई है। दोनों दरिंदों ने बीती 26 जून को इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया था। सजा का ऐलान होते ही न्यायालय के बाहर जमा भीड़ ने ख़ुशी जताई एवं पीड़ित बच्ची के माता-पिता ने इसे कानून की जीत बताते हुए कहा कि इस फैसले से भविष्य में किसी भी बालिका के साथ कोई भी दरिंदगी करने से पहले विचार करेगा।
शहर के सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाली सात वर्षीय बालिका को जब 26 जून, 2018 को उसकी दादी स्कूल लेने पहुंची तो पता चला कि वह वहां नहीं है। शहर कोतवाली मंदसौर में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। 27 जून, 2018 को दोपहर सवा दो बजे यह बालिका घायलावस्था में लक्ष्मण दरवाजे पर एक लड़के को मिली। उसके बाद पुलिस ने बच्ची को तत्काल अस्पताल पहुंचाया। उसके शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें पाई गईं। पुलिस ने शहर थाने में प्रकरण दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की। विवेचना में इरफान पिता जाहिद मेवाती एवं आसिफ पिता जुल्फीकार मुख्य आरोपी निकले। इन्हें दूसरे दिन ही गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। सीसीटीवी फुटेज एवं अन्य गवाहों के आधार पर 12 जुलाई 2018 को 350 पेज का एक चालान पास्को एक्ट की विशेष अदालत में न्यायाधीश श्रीमती निशा गुप्ता के समक्ष पुलिस ने पेश किया।
विशेष न्यायाधीश श्रीमती गुप्ता ने पेश किये गए साक्ष्यों के आधार पर दोनों गिरफ्तार आरोपियों को दोषी पाया। पीड़ित बच्ची ने अपने बयान में दुष्कर्म किए जाने की बात स्पष्ट रूप से बताई और न्यायालय में दोनों आरोपियों को पहचान लिया। आरोपी इरफान के कपड़ों एवं बनियान पर मिले खून के धब्बे की पुष्टि डीएनए रिपोर्ट से हुई। घटनास्थल लक्ष्मण दरवाजे से मिले बाल डीएनए जांच में आरोपियों के पाए गए। चिकित्सकीय साक्ष्यों के द्वारा भी अपराध प्रमाणित माना गया। विद्यालय से लगे सीसीटीवी फुटेज भी प्रकरण में महत्वपूर्ण साक्ष्य साबित हुए। इन सारे तथ्यों के आधार पर उक्त दोनों आरोपियों को मंगलवार को दोषी ठहराया गया और फांसी की सजा दी गई।
उप संचालक अभियोजन बीएस ठाकुर ने निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि विशेष न्यायालय एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वर्ग दो मंदसौर की न्यायाधीश नीशा गुप्ता ने आरोपी भय्यू उर्फ इरफान पिता जाहिर (20) निवासी मंदसौर और आसिफ पिता जुल्फीकार मेवाती (24) को धारा 363 भादवि में सात साल और दस हजार का जुर्माना, धारा 366 दस साल कारावास और दस हजार जुर्माना, धारा 307 भादवि में आजीवन कारावास और दस हजार का जुर्माना, 376 उपधारा 2 एम धारा 307 एवं पास्को एक्ट के तहत सजा एवं फांसी की सजा सुनाई।
हिन्दुस्थान समाचार/अशोक/सुनीत
Mandsaur 7 year old girl rape case: Court pronounces death sentence to the two accused Irfan and Asif. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/zay2MJlupv
— ANI (@ANI) August 21, 2018
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