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हर दिन पानी हो रहा बर्बाद, आए दिन फूट रही अमृत की लाइनें

हर दिन पानी हो रहा बर्बाद, आए दिन फूट रही अमृत की लाइनें
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ग्वालियर,न.सं.। एक अप्रैल से रोज पानी सप्लाई देने की कवायद में 30 से अधिक स्थानों पर मेन पंपिंग लाइन से लेकर सप्लाई की लाइनें फूटी। कई जगह वॉल्व खराब आने से लीकेज हुआ। इन समस्याओं के चलते दस लाख लीटर से ज्यादा पीने का पानी सडक़ों पर बर्बाद हो रहा है। नगर निगम सीमा क्षेत्र की तीनों विधानसभा में प्रतिदिन 50 से अधिक बड़े लीकेज होने से 10 लाख लीटर (एक एमएलडी) से अधिक पानी यानी करीब 7500 लोगों की जरूरत का पानी नाले-नालियों में बहकर यू ही बर्बाद हो जाता है। जबकि अमृत योजना के तहत 730 करोड़ रुपए खर्च करके नई लाइन डाली गई है,उसके बाद भी लीकेज की दिक्कत आ रही हैं। सबसे अधिक दिक्कत ग्वालियर पूर्व,ग्वालियर व दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में हैं। इन विधानसभा क्षेत्रों में थाटीपुर,मुरार,पिन्टू पार्क,नाकाचंद्रबदनी,सिकंदर कंपू,भैरवबाबा मंदिर के पास,जयेंद्रगंज,दानावली,सूबे की गोठ, बप्पनपार्क, माधौगंज व ग्वालियर विधानसभा में अधिक हैं। यहां प्रतिदिन सप्लाई के समय करीब एक घंटे तक पानी सडक़ों पर बहता हुआ दिखाई देता है। इसी तरह लीकेज की समस्या जीवाजीगंज,गोलपहाडिय़ा,भीमनगर,सेवा नगर,भीमनगर,जयेंद्रगंज,चार शहर का नाका,सत्यनारायण की पहाड़ी व पिन्टू पार्क क्षेत्र की कॉलोनियों में बनी हुई है। इतना ही नहीं पीएचई अमले को भी प्रतिदिन 15 से अधिक बड़े लीकेज विभिन्न जगहों पर मिलते हंै। इनमें से कुछ को सही कर दिया जाता है तो कुछ को नहीं। वहीं जिन लीकेजों को ठीक नहीं किया जाता है। उससे पानी यू ही बर्बाद होता रहता है।

पुरानी लाइनों से आ रही समस्या -

पीएचई विभाग के अधिकारी ने बताया कि शहर की सभी विधानसभा क्षेत्र में पानी पहुंचाने की अधिकतर लाइन 40 साल से अधिक पुरानी हो चुकी हैं। इससे आए दिन इन लाइनों में फॉल्ट व लीकेज आता रहता है। जब यह लाइन बिछाई गई थी उस समय फॉल्ट ढूंढना आसाना था। लेकिन उसके बाद से लगातार सडक़ों के निर्माण कार्य के चलते यह लाइने काफी नीचे दब गई है। जो निगम व पीएचई के लिए सिरदर्द बनी हैं। वहीं पानी के लगातार रिसाब के चलते अधिकतर रोड़ पर ही गड्ढे भी हो गए हैं, जहां ट्रैफिक दबाव के चलते लाइनों में हमेशा फॉल्ट की दिक्क आती रहती है। वहीं अमृत योजना के तहत डाली गई लाइन में भी लीकेज की शिकायतें आ रही हैं।

निगम द्वारा यह डाली गई है पानी की लाइनें

  • -1200 एमएम की लाइन तिघरा से नए व पुराने प्लांट तक।
  • -1600 एमएम की लाइन डब्ल्यूएटीपी जलालपुर प्लांट तक डाली गई है।
  • -1000 एमएम की लाइन जलालपुर से पम्पिंग मैन।
  • -800 एमएम तिघरा प्लांट के लिए।
  • -500 एमएम की लाइन पम्पिग लाइन।

पानी लाइन लीकेज की यह है मुख्य वजह

  • -नगर निगम व पीएचई विभाग के जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाना।
  • -पाइप लाइन का लीकेज पर ध्यान नहीं देने से वह और अधिक बढ़ जाता है।
  • -स्लोसवॉल के गेट बंद न होने से नीचली बस्ती में पानी की अधिक बर्बादी।
  • -लोगों का अपव्य और अवैध नल कनेक्शन।
  • -लीकेज की समस्या का तत्काल निराकरण नहीं करना।
  • -अमृत योजना के तहत डाली गई लाइन में भी लीकेज की शिकायते आ रही हैं।

Updated : 18 April 2022 8:03 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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