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आचार संहिता के कारण अधर में लटकी टर्सरी कैंसर केयर यूनिट

आचार संहिता के कारण अधर में लटकी टर्सरी कैंसर केयर यूनिट
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मरीजों को करना पड़ेगा इंतजार, नहीं खरीदे गए उपकरण

ग्वालियर, न.सं.

अंचल के कैंसर के मरीजों की सुविधा के देने के लिए बनने वाली टर्सरी कैंसर केयर यूनिट का लाभ अब मरीजों को नहीं मिल सकेगा, क्योंकि आचार संहिता लगने की वजह से यह यूनिट फिलहाल अटक गई है।

कैंसर के मरीजों को शहर में ही बेहतर उपचार मिल सके इस उद्देश्य से जयारोग्य अस्पताल परिसर में टर्सरी कैंसर केयर यूनिट बनाने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए शासन द्वारा पैसे भी महाविद्यालय के खाने में दिए गए। लेकिन शासन की नीति के कारण अब यह पैसा लैप्स हो जाएगा और कैंसर पीडि़तों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल ग्वालियर व चम्बल अंचल के कैंसर पीडि़त मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली व मुम्बई जैसे बड़े शहरों में न भटकना पड़े। इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से जयारोग्य अस्पताल में दिल्ली-मुम्बई की तर्ज पर करीब 45 करोड़ की लागत से टर्सरी कैंसर केयर यूनिट तैयार कराई जा रही है। इसके लिए शासन द्वारा राशि गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के खाते में जमा कराई गई और राशि का उपयोग करने के लिए 31 मार्च तक का समय भी दिया गया। इसके बाद इस यूनिट के भवन का निर्माण कार्य भी शुरू किया गया। इसके साथ ही यूनिट में लगने वाली अत्याधुनिक उपकरणों की खरीदी के लिए प्रस्ताव भी मांगा गया। इस पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रस्ताव तैयार कर भोपाल भेजा गया, जहां से करीब 32 करोड़ रूपए मशीन खरीदी के लिए स्वीकृति मिली और महाविद्यालय के खाते में बजट भी जमा करा दिया गया। लेकिन खरीदी करने से पहले ही गत वर्ष सितंबर माह में शासन ने एक निर्देश जारी करते हुए खरीदी पर रोक लगाई और पीपीपी मोड़ पर लगवाने के निर्देश दिए। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा कई बार मांग भी की गई, लेकिन आज दिन तक मशीन खरीदी की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। इसी के चलते अब आचार संहिता लगने के कारण इस यूनिट के लिए भेजा गया बजट लैप्स हो जाएगा। क्योंकि आचार संहिता में मशीनों की खरीदी नहीं की जा सकेगी। जिस कारण अब यूनिट का मामला अधर में लटक गया है।

यह लगाई जानी थी मशीनें

टर्सरी कैंसर केयर यूनिट में लाइनर एक्सेलेटर मशीन लगाई जानी है, जिसमें कैंसर के मरीजों की बेहतर शिकाई होगी।

हाई कैपेसिटी सीटी सिम्यूलेटर मशीन से मरीजों के आंतरिक अंगों का परीक्षा किया जा सकेगा। इसके साथ ही इस मशीन से यह भी देखा जा सकेगा कि मरीज के किस हिस्से में सिकाई होना है।

ट्रीटमेंट प्लानिंग सिस्टम इस उपकरण से कैंसर रोगी को सिकाई के दौरान दिए जाने वाले डोज को कैलकुलेट किया जाएगा।

पैट सीटी स्कैन मशीन से कैंसर मरीज की एमआरआई जैसी जांच की जाएगी, लेकिन यह जांच एमआरआई से भी ज्यादा आधुनिक होगी और इसमें मरीज की बीमारी बहुत आसानी से दिखेगी।

Updated : 12 March 2019 8:26 PM GMT
author-thhumb

Naveen Savita

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