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"कान्हा का जन्म हुआ, माखन मिश्री का भोग लगा"

रोकड़िया सरकार धाम हनुमान मंदिर पर चल रही है संगीतमयी श्रीमदभागवत कथा, शुक्रवार को हुआ कृष्ण जन्म, जमकर नाचे श्रद्धालु, माखन मिश्री का भोग लगा

कान्हा का जन्म हुआ, माखन मिश्री का भोग लगा
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ग्वालियर। छत्री बाजार स्थित श्रीरोकड़िया सरकार धाम हनुमान मंदिर पर चल रही सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमदभागवत कथा के चौथे दिन शुक्रवार को कथा व्यास पंडित आशीष दुबे ने मनुष्य के अंदर छिपी राक्षसी प्रवृति को त्यागने की बात कही। उन्होंने समुद्र मंथन की कथा से जोड़कर इसे सुनाया। आज कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया।

होशंगाबाद के मरोड़ा से आये भागवताचार्य कथा व्यास पंडित आशीष दुबे ने कल की कथा को आगे बढ़ाते हुए राम नाम की महिमा का बखान किया। उन्होंने कहा कि राम नाम ही केवल ऐसा है जिसके जाप से अथवा स्मरण मात्र से ही हमारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यदि कोई मनुष्य कष्ट में है और उसने यदि दिन में 108 बार राम नाम का जाप शुरू कर दिया तो निश्चित ही छह महीने में उसे शुभ समाचार मिलेगा और उसके कष्ट दूर हो जायेंगे। समुद्र मंथन की कथा का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि नारायण जी ने स्वर्ग में राक्षसों से परेशान देवताओं से कहा कि वे राक्षसों से दोस्ती कर समुद्र मंथन करें और उसमें निकले अमृत को पीकर अमर हो जाएँ, और देवताओं ने ऐसा ही किया। पंडित आशीष दुबे ने श्रद्धालुओं को मसालदानी में रखे डिब्बों में रखे जाने वाले भिन्न भिन्न मसालों के बीच रखी जाने वाली लाल मिर्च का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे ही हर घर में एक तीखी प्रव्रति वाला व्यक्ति होता है, एक खतरनाक व्यक्ति हर घर में फिट है, और वो ही राक्षसी श्रेणीं में आता है। उन्होंने कहा जो मांसाहार, शराब आदि व्यसनों का सेवन करता है वो भी राक्षसी प्रव्रति का है। हमें ऐसे लोगों से दोस्ती कर इसे सात्विक प्रवृत्ति में बदलना होगा।

कथा को आगे बढ़ाते हुए पंडित आशीष व्यास ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाई। जैसे ही कान्हा का जन्म हुआ, नंदगांव में बधाइयां गाई जाने लगी, टोकरी में कान्हा को सर पर रखे नंदबाबा का दृश्य कथा में प्रदर्शित किया गया। सभी ने नाच गाकर एक दूसरे को कान्हा के जन्म की बधाई दी। कृष्ण जन्म के बाद माखन मिश्री का भोग लगाया गया। जिस सभी श्रद्धालुओं ने बड़ी श्रद्धा के साथ ग्रहण किया। ग्वालियर के प्रसिद्द दाना परिवार द्वारा आयोजित की रही श्रीमदभागवत कथा 15 जनवरी से 21 जनवरी तक दिन में 12 बजे से तीन बजे तक आयोजित की जा रही है । कथा के मुख्य यजमान श्रीमती कुसुम सक्सेना, जानेमाने साहित्यकार एवं कवि सतीश "अकेला" और उनकी पत्नी श्रीमती शशि सक्सेना हैं।

Updated : 18 Jan 2019 1:00 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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