Home > राज्य > मध्यप्रदेश > ग्वालियर > कमसम फूड प्लाजा के वेंडरों की पहुंच एसी कोचों तक

कमसम फूड प्लाजा के वेंडरों की पहुंच एसी कोचों तक

बिना मेडिकल कार्ड के कोचों में यात्रियों को दे रहे हैं भोजन की थाली रेलवे के सीटीआई नहीं कर रहे अवैध वेंडरों पर कार्रवाई

कमसम फूड प्लाजा के वेंडरों की पहुंच एसी कोचों तक
X

ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर सीटीआई सहित स्थानीय अधिकारियों ने अवैध वेंडरों को हरी झंडी दे दी है तभी तो अवैध वेंडर बिना किसी भय के स्टेशन पर यात्रियों को खाद्य सामग्री बेच रहे हैं। अवैध वेंडरों द्वारा यात्रियों को खाद्य सामग्री बेचे जाने से स्टेशन पर जहरखुरानी जैसी वारदातें घटित होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। बावजूद यात्रियों की सुरक्षा को ताक पर रख दिया गया है। रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी दोनों की ही ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही है। ट्रेन के आने पर स्टेशन में अवैध वेंडरों की भरमार हो जाती है। भोजन सामग्री बेचने के लिए यात्री ट्रेनों में कमसम फूड के वेंडर आवाज लगाकर सामान बेच रहे हैं। वे ट्रेन के आते ही एसी कोच में पॉलीथिन लेकर घुस जाते हैं। एक कोच के अंदर एक नहीं तीन-तीन वेंडर जाकर खाना बेच रहे हैं, जबकि उन्हें सिर्फ स्टेशन पर खाना बेचने की अनुमति है। इससे यात्री तो परेशान होते ही हैं, साथ ही उनका सामान भी असुरक्षित हो चला है। वहीं खाना भी यात्रियों को महंगे दामों में बेचा जा रहा है।

ट्रेन आते ही वेंडरों की भरमार

आमतौर पर जब स्टेशन पर ट्रेन नहीं रहती है तो उस समय अवैध वेंडर कम ही दिखाई देते हैं, लेकिन जैसे ही ट्रेन आती है तभी एक दर्जन से अधिक अवैध वेंडर स्टेशन के प्लेटफार्म पर पहुंच जाते हैं। अवैध वेंडरों द्वारा खाद्य सामग्री को निर्धारित मूल्य से अधिक पर बेचा जाता है। कभी-कभी तो अवैध वेंडरों द्वारा यात्रियों से अभद्रता तक की जाती है।

बिना यूनीफार्म के घुस जाते हैं कोचों में

रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडरों की दादागीरी का आलम यह है कि वे यूनीफार्म तक नहीं पहने रहते हैं, जबकि रेलवे स्टेशन पर खाद्य सामग्री बेचने के लिए वेंडर का मेडीकल कार्ड व पहचान पत्र बनाया जाता है। इसके अलावा जीआरपी द्वारा पुलिस वेरीफिकेशन भी वेंडरों का किया जाता है, जिसमें यह पता किया जाता है कि वेंडर का कोई आपराधिक रिकार्ड तो नहीं है। जब ये तीनों प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो उसे वैध वेंडर की श्रेणी में माना जाता है। इसके अलावा वेंडरों को रेलवे द्वारा निर्धारित की गई यूनीफार्म भी पहनना होती है।

कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे अधिकारी

रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर वाणिज्य विभाग का पूरा अमला पदस्थ है। वे सब जानते हैं। इसके बाद भी वे कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। रेल सुरक्षा बल का स्टाफ भी तैनात रहता है। तब भी वेंडर निर्भीक होकर खाना बेच रहे हैं। हालांकि कमसम फूड प्लाजा के वेंडरों पर तत्कालीन स्टेशन निदेशक अनिल शर्मा ने कार्रवाई की थी, लेकिन उनके जाने के बाद से ही स्टेशन पर सीटीआई की मेहरबानी से वेंडरों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

इन ट्रेनों में ज्यादा दिखते हैं कमसम के वेंडर

कमसम फूड प्लाजा के वेंडर आगरा की ओर से आने वाली पंजाब मेल, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस, खजुराहो एक्सप्रेस, केरला एक्सप्रेस, झेलम एक्सप्रेस, गोवा एक्सप्रेस, महाकौशल एक्सप्रेस, पातालकोट एक्सप्रेस में नजर आते हैं। वहीं झांसी की ओर से आने वाली स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, पंजाब मेल, झेलम एक्सप्रेस आदि ट्रेन भी ये दिखाई देते हैं।

Updated : 13 Oct 2018 12:08 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top