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चलित जलाशयों के कारण 15 हजार मछलियां मरने से बचीं

गणेश प्रतिमाओं का हुआ विसर्जन

चलित जलाशयों के कारण 15 हजार मछलियां मरने से बचीं
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ग्वालियर, न.सं.। गणेश उत्सव के अंतिम दिन मंगलवार को गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन चलित जलाशयों में शहरवासियों ने श्रद्धा भाव से किया। पिछले कई वर्षों के बाद कोरोना संक्रमण के कारण जिला प्रशासन के निर्देश पर यह पहला मौका है कि गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन तालाबों में नहीं किया गया। ऐसा होने से जहां पानी भी दूषित नहीं हुआ साथ ही लगभग 15 हजार से अधिक मछलियां भी मरने से बच गईं। होता यह है कि प्रतिमाओं में जिस प्रकार के केमिकल का उपयोग किया जाता है वह जीव जन्तु के लिए बेहद ही हानिकारक होता है। इसके उपयोग से जीव जन्तू मर जाते हैं।

जिला प्रशासन एवं नगर निगम ग्वालियर द्वारा आयोजित गंगाजल युक्त चलित जलाशय का प्रयोग अब लाभान्वित होने लगा है। शहरवासी पूरी श्रद्धाभाव से अब इसमें श्री गणेश मूर्ति विसर्जन करने लगे हैं। अनंत चौदस के दिन मंगलवार को 30 वाहनों में लगभग 30 हजार से अधिक श्रीगणेश मूर्तियां विसर्जित की गईं। वरिष्ठ नागरिक सेवा संस्थान ग्वालियर द्वारा पिछले 9 वर्षों से यह कार्यक्रम किया जा रहा है। संस्थापक एवं अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने बताया कि अब लोगों में यह पूरी आस्था का केन्द्र हो गया है और लोग फोन करके अपने घर और गली-मोहल्लों में चलित जलाशयों को आमंत्रित करते हैं। जब हमने इस काम की शुरुआत की थी तो लोगों ने इसे एक अभिनव प्रयोग के रूप में देखना शुरू किया था, लेकिन अब इसे अपनाया भी है। सबसे बडी बात कोरोना की इस भीषण महामारी में वरिष्ठ नागरिकों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम संयोजक एम.एल. अरोरा, लश्कर इकाई के अध्यक्ष तूफान, संयोजक टी.एस. सक्सेना, राकेश परिहार, एस.के. दास सहित पूरी टीम ने 30 वाहनों में लगभग 30 हजार मूर्तियां एकत्रित कर सागरताल में विसर्जित कराईं। श्री जैन ने कहा कि इस कार्यक्रम को आगे बड़े रूप में आयोजित किया जाएगा।

Updated : 4 Sep 2020 1:21 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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