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गार्बेज शुल्क और जलकर माफी के प्रस्ताव पास, अब शासन के पाले में गेंद

विपक्षी पार्षदों ने सत्ता पक्ष से पूछा जब परिषद के अधिकार में नहीं था तो घोषणा पत्र में झूठे वादे क्यों किए, सत्ता पक्ष बोला हमें नही चाहिए श्रेय, आप जनता के हित में निर्णय लें, गार्बेज शुल्क के युक्तियुक्तकरण, बकाया जलकर माफ करने पर सत्ता और विपक्षी पार्षदों का हंगामा

गार्बेज शुल्क और जलकर माफी के प्रस्ताव पास, अब शासन के पाले में गेंद
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ग्वालियर,न.सं.। सोमवार को परिषद की बैठक में गार्बेज शुल्क के युक्तियुक्तकरण, बकाया जलकर माफ को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने कहा कि जब परिषद के अधिकार क्षेत्र में नहीं था तो कांग्रेस ने महापौर चुनाव में झूठे वादे क्यों किए थे, वहीं सत्ता पक्ष ने विपक्ष को जबाव देते हुए कहा कि एमआईसी ने दोनों प्रस्ताव को पास कर दिया था, लेकिन निगमायुक्त ने शासन के दबाव में दोनों बिंदुओं को आज तक एजेंडे मे शामिल नहीं किया। सत्ता पक्ष ने विपक्ष से यह भी पूछ डाला कि जब परिषद को अधिकार नहीं है तो आपने अभियाचित बैठक क्यों बुलाई। बाद में सभापति ने दोनों पक्षों की बात सुनकर गार्बेज शुल्क और जलकर माफी के प्रस्ताव पास कर शासन को भेजने की सहमति दी। अब शासन को निर्णय लेना है कि गार्बेज शुल्क और जलकर माफ किया जाए या नहीं।

सोमवार की दोपहर 3 बजे जलबिहार परिषद कार्यालय में भाजपा पार्षदों द्वारा 6 बिंदु वाले अभयाचित बैठक के एजेंडे पर बहस शुरू हुई। जिसमें गार्बेज शुल्क सामांतर करने व बकाया जलकर को माफ व कम करने पर चर्चा के दौरान विपक्षी नेता प्रतिपक्ष हरिपाल ने कहा कि जब परिषद के अधिकार क्षेत्र में नहीं था तो झूठे वादे क्यों किए गए। जिस पर पार्षद पीपी शर्मा ने कहा कि श्रेय लेने के लिए दोनों ङ्क्षबदुआं को रोका गया है। शासन ने पत्र भी भेजा था कि यह अधिार परिषद को है। नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि अगरपत्र आया है तो दिखया जाए। जिस पर कोई कुछ नहीं बोला।

एमआईसी सदस्य अवधेश कौरव ने सत्ता पक्ष को जबाव देते हुए कहा कि एमआईसी ने जनता को लाभ देने के लिए गार्बेज-जलकर मामले में निर्णय कर दिए थे, लेकिन प्रदेश शासन के अधीन अधिकारियों ने इसे परिषद में नहीं पहुंचाया है और कांग्रेस श्रेय की राजनीतिक के लिए काम नहीं कर रही है, वह केवल जनता का भला चाहती है। इसलिए दोनों मुद्दों को पारित कर दिया। जिसके बाद सभापति ने दोनों मुद्दों पर निगमायुक्त हर्ष सिंह को गार्बेज शुल्क को अन्य शहरों के हिसाब से व जलकर माफी/संशोधित करने के लिए राज्य शासन को पत्राचार करने के लिए निर्णय दिया।

नेता प्रतिपक्ष ने पूछा 15 महीने की सरकार आपकी थी-

नेता प्रतिपक्ष हरिपाल ने सत्ता पक्ष से पूछा कि 15 महीने कांग्रेस की सरकार थी, तब गार्बेज और जलकर पर आपका ध्यान क्यों नहीं गया। आपकी सरकार तो तबादले में लगी रही। अगर त्रुटि हुई थी, तो सुधार क्यों नहीं किया गया। पार्षद गिर्राज कंसाना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी नोटंकी बाज है। इस दौरान विपक्षी पार्षद अनिल सांखला ने कहा कि जिन लोगों ने गार्बेज शुल्क जमा कर दिया है, उनका समायोजन भी गार्बेज शुल्क से ही किया जाए।

विपक्ष बोला हम मुख्यमंत्री से मिलेंगे-

गार्बेज शुल्क व जलकर माफी को लेकर विपक्ष ने साफ कर दिया है कि दोनें मुद्दों को लेकर वह जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलेंगे। एमआईसी सदस्य अवधेश कौरव ने कहा कि हमें श्रेय नहीं चाहिए, ग्वालियर की जनता के हित में निर्णय होने चाहिए।

ये बोले पार्षद-

-बृजेश श्रीवास ने कहा कि सत्ता पख के हाथ में कुछ नहीं है। 250 और 500 रूपए देकर ताली बजाने के लिए बुलाया जाता है। चार महीने बाद पता चलेगा कि कौन बिकाऊ है कौन टिकाऊ।

-पार्षद मनोज राजपूत ने कहा कि प्रियंका गांधी की सभा में भीड़ को देखकर भाजपा बौखला गई है।

नागेंद्र राणा-अगर सत्ता पक्ष को गार्बेज शुल्क और जलकर पर फैसला लेना था, तो उन्होंने अभियाचित बैठक क्यों नहीं बुलाई। यह बैठक सत्ता पक्ष छह महीने पहले भी तो बुला सकता था।

-एमआईसी सदस्य अवधश कौरव ने कहा कि जिनका नगर निगम से कोई लेना देना नहीं है वह क्षेत्रों में जाकर भूमिपूजन कर रहे है। 20 साल से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बहनों की याद नहीं आई, चुनाव आ गए तो बहनें याद आ रही है।

बैठक में यह हुए निर्णय-

-बैठक में गार्बेज शुल्क सामांतर करने को लेकर चर्चा के उपरांत सभापति मनोज तोमर ने निगमायुक्त को निर्देश दिए कि गार्बेज शुल्क को लेकर जबलपुर, इंदौर सहित अन्य शहरों से जानकारी लेकर गार्बेज शुल्क के युक्त युक्तिकरण की कार्यवाही प्रारंभ करें और यदि जो भी आवश्यकता हो तो शासन से विधिक राय ली जाए।

-दो वर्ष 2022-23 की मूल एवं बिलो राशि को समायोजित करने पर चर्चा करते हुए निर्णय लिया गया कि वर्ष 2022-23 की मोलिक निधि, पार्षद निधि, सभापति निधि, महापौर निधि एवं वार्ड समिति की निधि में बची हुई मूल राशि एवं बिलो राशि को वर्ष 2023 में समायोजित कर विधि अनुसार निगमायुक्त कार्यवाही करें।

-जलकर को माफ एवं कम करने को लेकर चर्चा करते हुए निर्णय लिया गया कि प्रस्ताव की विसंगतियों को दूर करते हुए नियमानुसार जलकर माफ अथवा संशोधन करने के लिए निगमायुक्त जनता के हित को देखते हुए विधि सम्मत निर्णय लें

-आउटसोर्स कर्मचारियों की जांच के संबंध में जांच कमेठी गुणदोश के आधार पर उक्त प्रकरण पर निर्णय ले और परिषद कार्यालय को अवगत करावे।

-विनियमित कर्मचारियों को 6वें एवं 7वे वेतनमान देने पर चर्चा करते हुए निर्णय लिया गया कि निगमायुक्त इस बिंदु पर शासन से मार्गदर्शन ले।




Updated : 13 April 2024 12:49 PM GMT
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