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ग्वालियर :पूर्व एडीएम और जेलर को भी नहीं बख्शा रॉयल गृह निर्माण समिति ने

भोपाल से आए निर्देश के बाद कार्रवाई के संकेत

ग्वालियर :पूर्व एडीएम और जेलर को भी नहीं बख्शा रॉयल गृह निर्माण समिति ने
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ग्वालियर,विशेष प्रतिनिधि। फर्जीवाड़ा करने के लिए विख्यात रॉयल गृह निर्माण सहकारी समिति और शिवशंकर गृह निर्माण समिति के घोटाले की गूंज भोपाल तक जा पहुंची है।उच्च अधिकारियों से मिले निर्देश के बाद जिलाधीश ने इस मामले में कार्रवाई के लिए निगमायुक्त को कहा है। वहीं बड़ी मजेदार बात यह है कि रॉयल टाउनशिप में पूर्व एडीएम आरएन गुप्ता और डबरा में जेलर पद पर पदस्थ नरेंद्र कटारे ने भी भूखंड खरीदे थे, किंतु मौके पर इनके भूखंडों पर किसी और का कब्जा है। इस बीच बिल्डर द्वारा नगर एवं ग्राम निवेश से गलत ढंग से नक्शे परिवर्तित कराए जाने से उसकी नीयत पर शंका के बादल और गहरा गए हैं।

सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को स्वदेश में रॉयल गृह निर्माण समिति के फर्जीवाड़े की खबर की गूंज भोपाल में उच्च अधिकारियों तक जा पहुंची। जिसपर नगरीय विकास विभाग के उच्च अधिकारियों ने जिलाधीश अनुराग चौधरी को इस मामले में कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।जिसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधीश ने निगम आयुक्त संदीप माकिन से इस पूरे मामले की फाइल निकालकर कार्यवाही के लिए कहा है। वहीं एक चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि अमित जैन द्वारा खरीदे गए भूखंड एल 11 के अलावा तीन अन्य भूखंड पर भी किसी और का कब्जा है। यह भूखंड पूर्व एडीएम आरएन गुप्ता एल 14, वंदना कटारे पत्नी नरेंद्र कटारे, एल-12 एवं प्रदीप शुक्ला एल 13 के हैं।इसमें नरेंद्र कटारे डबरा में जेलर पद पर पदस्थ हैं।इन लोगों के भूखंड पर किसी और का कब्जा है। इनके द्वारा जिला प्रशासन से की गई शिकायत के बाद यहां सोमवार को तहसीलदार शिवानी पांडे की देखरेख में सीमांकन कराया जाएगा।सूत्रों ने बताया कि इन तीनों की रजिस्ट्री रॉयल गृह निर्माण समिति के तत्कालीन अध्यक्ष पंकज भूतड़ा एवं राजेंद्र उपाध्याय द्वारा की गई थीं। इसमें डॉ पुरुषोत्तम जाजू की अहम भूमिका है, उनके द्वारा शहर में कई स्थानों पर सरकारी जमीनों पर कब्जा कर कॉलोनी एवं बहुमंजिला इमारतें तानी गईं हैं।जबकि राजेंद्र उपाध्याय का रॉयल गृह निर्माण में तो दखल है ही,इसके अलावा शिवशंकर गृह निर्माण समिति एवं अन्नपूर्णा गृह निर्माण समिति के कर्ताधर्ता यही हैं। तत्कालीन निगमायुक्त अनय द्विवेदी के द्वारा 23 फरवरी 2017 को रॉयल गृह निर्माण एवं शिवशंकर गृह निर्माण समिति की कॉलोनियों के पूर्ण विकसित नहीं होने के बावजूद बंधक भूखंड बेचे जाने पर विश्वविद्यालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए पत्र भेजा गया था। किंतु इस पत्र को तत्कालीन निगमायुक्त विनोद शर्मा द्वारा दो भूखंड लेकर उसपर एक बड़ा बंगला बनाए जाने के कारण लटका दिया गया। इतना ही नहीं इस चर्चित अधिकारी ने गांधीनगर में अधौलिया बिल्डर के एएन प्लाजा में भी एक फ्लेट अपने रिश्तेदार के नाम से ले डाला। किंतु मुख्यमंत्री कमलनाथ के इशारे पर प्रदेश भर में एंटी भू माफिया सेल के गठन में इन नामी-गिरामी भू माफियाओं को बख्श दिया गया था, किंतु अब नए सिरे से इनके नाम भोपाल तक पहुंचने के कारण इन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

इनका कहना

रॉयल गृह निर्माण समिति द्वारा भूखंडों में की गई अनियमितता और नक्शे परिवर्तन की जानकारी मिली है। इस मामले की जांच कराकर कॉलोनाइजर के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

एमबी ओझा

संभागीय आयुक्त एवं प्रशासक नगर निगम

हमने अक्टूबर 2009 में रॉयल टाउनशिप में भूखंड क्रमांक एल 14 खरीदा था, जिसकी रजिस्ट्री पंकज भूतड़ा एवं राजेंद्र उपाध्याय ने की थी, किंतु अब इस भूखंड पर किसी और का कब्जा है। इस फर्जीवाड़े की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की गई है।

आरएन गुप्ता

पूर्व एडीएम

Updated : 1 Feb 2020 7:40 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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