राम मंदिर अध्यादेश : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा - कानूनी प्रक्रिया के बाद ही होगा विचार
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राम मंदिर अध्यादेश पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कानूनी प्रक्रिया के बाद ही होगा विचार
नई दिल्ली/ स्वदेश वेब डेस्क। राम मंदिर से जुड़े प्रश्न पर ANI एडिटर स्मिता प्रकाश को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी राय स्पष्ट करते हुए कहा कि राम मंदिर अध्यादेश पर कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इस विषय पर विचार किया जाएगा।
भाजपा के घोषणा पत्र का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की - "हमने अपने भाजपा के घोषणा पत्र में कहा है कि इस मुद्दे का हल संविधान के दायरे में होगा"। न्यायिक प्रक्रिया धीमी हो रही है क्योंकि कांग्रेस के वकील सुप्रीम कोर्ट में "बाधा" पैदा कर रहे है।
उन्होंने कहा की "न्यायिक प्रक्रिया खत्म होने दो। न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने के बाद, सरकार के रूप में हमारी जिम्मेदारी जो भी होगी, हम सभी प्रयास करने के लिए तैयार हैं।
#WATCH #PMtoANI on if an ordinance will be brought on Ram Temple like on Triple Talaq: Ordinance on triple talaq was brought after SC verdict,in the light of SC verdict. We have said in our BJP manifesto that a solution would be found to this(Ayodhya) issue under Constitution. pic.twitter.com/TZkHYdUjvv
— ANI (@ANI) January 1, 2019
कोई भी इस बात से इनकार नहीं कर सकता है कि पिछले 70 वर्षों की सरकारों में बैठे लोगों ने इस (अयोध्या) मुद्दे का हल निकालने की पूरी कोशिश की हो कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें "रुकावटें पैदा नहीं करनी चाहिए" और न्यायिक प्रक्रिया का रास्ता अपनाना चाहिए।
"इसे राजनीतिक दृष्टि से न तौलें"
राष्ट्रीय शांति और सौहार्द की खातिर कांग्रेस अपने वकीलों को इस (अयोध्या मसले) मामले को कोर्ट में रोकने से रोकना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के वकीलों सहित सभी वकीलों को संयुक्त रूप से कोर्ट में जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अयोध्या मामला प्रारंभिक न्यायिक फैसला हो। कोर्ट में कांग्रेस के वकील जो बाधा पैदा कर रहे हैं, उन्हें रोकना चाहिए। न्यायिक प्रक्रिया को अपना रास्ता बनाने दें।
प्रधानमंत्री से स्मिता प्रकाश ने पूछा कि - जब तत्काल तीन तालक पर प्रतिबंध लगाने के लिए अध्यादेश लाकर कदम उठाया गया था, तो राम मंदिर निर्माण के लिए एक अध्यादेश क्यों नहीं लाया जा सकता है ? इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही तीन तालक अध्यादेश लाया गया था।"
आपको बता दें प्रधानमंत्री मोदी मुस्लिमों के बीच तीन तालक की प्रथा पर रोक लगाते हुए 2017 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र कर रहे थे। इसके बाद, सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया और संसद में विधेयक लाया गया। विधेयक लोकसभा द्वारा पारित कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई के लिए राज्यसभा के समक्ष है।
आयुष्मान भारत
अन्य सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2018 देश के लिए बहुत ही सफल वर्ष रहा है। चुनाव देश की अनेक पहलुओं में से एक अन्य पहलू है। वर्तमान में देश के हर गरीब व्यक्ति को पांच लाख तक इलाज की सुविधा देने वाली महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को अभी तो 100 दिन भी नहीं हुए और अभी तक सात आठ लाख लोगों ने सुविधा ली है।
आरबीआई : उर्जित पटेल मामला
"मैं पहली बार खुलासा कर रहा हूं की मुझे व्यक्तिगत रूप से उन्होंने इस्तीफे से 6-7 महीनों पहले व्यक्तिगत कारणों के चलते इस्तीफे के बारे में लिखित में दिया था।
आरबीआई और सरकार के बीच दरार की खबरों के बीच पटेल ने "व्यक्तिगत कारणों" का हवाला देते हुए दिसंबर में इस्तीफा दे दिया था । मोदी ने कहा की "ऐसा कोई सवाल नहीं उठता। मैं स्वीकार करता हूं कि पटेल ने आरबीआई गवर्नर के रूप में अच्छा काम किया है।
Swadesh Digital
स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in