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इंडिया गेट के इतिहास में जुड़ा नया अध्याय, जहां कभी जॉर्ज पंचम की थी प्रतिमा, अब वहां नेताजी की मूर्ति युवाओं को करेगी प्रेरित

प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर 'कर्तव्य पथ' का करेंगे उद्घाटन

इंडिया गेट के इतिहास में जुड़ा नया अध्याय, जहां कभी जॉर्ज पंचम की थी प्रतिमा, अब वहां नेताजी की मूर्ति युवाओं को करेगी प्रेरित
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नईदिल्ली। इंडिया गेट के इतिहास में आज एक और अध्याय जुड़ गया है। इंडिया गेट की कैनोपी (छतरी) में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का विधिवत अनावरण कर दिया गया।

यहां कभी ब्रिटिश सम्राट जाॅर्ज पंचम की प्रतिमा हुआ करती थी, जिसका उद्देश्य इंडिया गेट के सामने एक ऐसे प्रतीक को जिंदा रखना था, जिससे ब्रिटिश की महानता दिखाकर भारत के लोगों को गुलामी का एहसास कराना था। गुरुवार के दिन इस कर्तव्य पथ पर एक नया इतिहास रचा गया। दशकों से खाली पड़ी छतरी के नीचे नेताजी की प्रतिमा स्थापित कर दी गई है, जो युवाओं को प्रेरित करती रहेगी।

इंडिया गेट और इस छतरी का इतिहास

इंडिया गेट सन 1931 में बनाया गया था, जिसका डिजाइन सर एडवर्ड लुटियन व हार्डवर्ड बेकर ने डिजाइन किया था। इसके साथ इंडिया गेट के पास छतरी में जाॅर्ज पंचम की प्रतिमा साल 1936 में लगाई गई थी। दरअसल, ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम भारत आए थे। उनकी अगुवाई व राज्याभिषेक की खुशी में 12 दिसंबर, 1911 को संत नगर से बुराड़ी जाने वाली सड़क पर कोरोनेशन पार्क का निर्माण करवाया गया था। इंडिया गेट व उसके आस-पास लगी सभी ब्रिटिश गवर्नर जैसे लाॅर्ड वेलिंगटन, लाॅर्ड हाॅर्डिंग व लाॅर्ड इरविन की प्रतिमाओं को भी हटाकर उन्हें कोरोनेशन पार्क में भेज दिया गया।


Updated : 24 Sep 2022 4:53 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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