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चीन से नाराज सुरक्षा परिषद सदस्यों ने कहा-उठा सकते हैं कड़े कदम

चीन से नाराज सुरक्षा परिषद सदस्यों ने कहा-उठा सकते हैं कड़े कदम
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वॉशिंगटन, एजेंसी

जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के मामले में चीन के चौथी बार अड़ंगा लगाने से नाराज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने चेतावनी दी कि यदि चीन अपनी इस नीति पर अड़ा रहा तो जिम्मेदार सदस्य सुरक्षा परिषद में अन्य कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं। सुरक्षा परिषद के एक दूत ने चीन को असामान्य कड़ी चेतावनी देते हुए से कहा कि ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। दूत ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर यह बात कही। वहीं सुरक्षा परिषद में एक अन्य दूत ने कहा कि चीन ने चौथी बार सूची में अजहर को शामिल किए जाने के कदम को बाधित किया है। चीन को समिति को अपना वह काम करने से रोकना नहीं चाहिए, जो सुरक्षा परिषद ने उसे सौंपा है। दूत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में होने वाला विचार- विमर्श गोपनीय होता है और इसलिए सदस्य देश सार्वजनिक रूप से इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते। इसलिए दूतों ने भी अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने का आग्रह किया। दूत ने कहा कि चीन का यह कदम आतंकवाद के खिलाफ लडऩे और दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के उसके स्वयं के बताए लक्ष्यों के विपरीत है। उन्होंने पाकिस्तान की जमीन पर सक्रिय आतंकवादी समूहों और उसके सरगनाओं को बचाने के लिए चीन पर निर्भर रहने को लेकर पाकिस्तान की भी आलोचना की। इस बीच अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ब्रैड शेरमैन ने चीन के इस कदम को अस्वीकार्य करार दिया और कहा कि चीन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने से रोक दिया, जिसने फरवरी में भारत में पुलवामा हमला किया था। मैं चीन से अपील करता हूं कि वह संयुक्त राष्ट्र को अजहर पर प्रतिबंध लगाने दे।

पिछले महीने आया था प्रस्ताव

फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ''1267 अल कायदा सैंक्शन्स कमेटी'' के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को पेश किया था। 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई थी। इस हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।

चीन ने चला दांव

चीन ने प्रस्ताव की पड़ताल करने के लिए और समय मांगा है। यह तकनीकी रोक छह महीनों के लिए वैध है और इसे आगे तीन महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है। इस तरह चीन के इस कदम से एक बार फिर मसूद अजहर वैश्विक आतंकवादी घोषित होने से बच गया।

वार्ता से निकले हल : चीन

पेइचिंग। इस मामले में चीन ने सफाई देते हुए कहा कि इससे मसले का स्थायी समाधान निकालने के लिए संबंधित पक्षों, भारत और पाकिस्तान, के बीच वार्ता में मदद मिलेगी। यह पूछे जाने पर कि चीन ने मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के कदम को एक बार फिर क्यों बाधित किया, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा कि पेइचिंग का फैसला समिति के नियमों के अनुसार है। उन्होंने कहा कि चीन को वास्तव में यह उम्मीद है कि इस समिति के प्रासंगिक कदम संबंधित देशों की मदद करेंगे कि वे वार्ता एवं विचार-विमर्श करें और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए और जटिलता पैदा न हो।

इमरान इतने उदार हैं तो मसूद को सौंपेें : सुषमा


नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक बार फिर पाकिस्तान को फटकार लगाई। सुषमा ने इंडियाज वल्र्ड: मोदी गवर्नमेंट्स फॉरेन पॉलिसी कार्यक्रम में कहा कि इमरान को बहुत बड़ा नेता बताया जा रहा है। लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि अगर इमरान वाकई उदार हैं तो मसूद अजहर को हमें सौंप दें। भारत-पाक के रिश्ते उसी शर्त पर सुधर सकते हैं जब वह अपने आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे और भारत के खिलाफ अपनी धरती से आतंकी गतिविधियां बंद करें। सुषमा ने कहा कि बातें बहुत बार हो चुकीं और बहुत बार रुक चुकीं। हम साफतौर पर कह चुके हैं कि आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं हो सकते। पाकिस्तान कहता है कि शांति और बातचीत चाहते हैं तो इसके लिए माहौल बनाइए। आप कहते हैं कि आतंकवाद पर बात होनी चाहिए लेकिन आपके यहां का आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा में 40 वीर जवानों की हत्या करके चला गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पुलवामा हमले के चंद मिनटों बाद जैश ने जिम्मेदारी भी ले ली। आपके विदेश मंत्री कहते हैं कि मसूद अजहर पाक में है। लेकिन वह इतना बीमार है कि घर के बाहर नहीं निकल सकता। चंद दिन बाद पाकिस्तान के सेना प्रवक्ता कहते हैं कि मसूद तो पाक में है ही नहीं। ओसामा बिन लादेन भी आपके यहां नहीं था। कसाब के बारे में पाक कहता है कि कौन कसाब, कैसा कसाब।

Updated : 14 March 2019 5:05 PM GMT
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Naveen Savita

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