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मन की बात : प्रधानमंत्री ने देशवासियों से की ईको-फ्रेंडली गणेश उत्सव मनाने की अपील

मन की बात : प्रधानमंत्री ने देशवासियों से की ईको-फ्रेंडली गणेश उत्सव मनाने की अपील
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (रविवार) सुबह 11 बजे से मन की बात कर रहे हैं। यह मन की बात का 46वां संस्करण है। पीएम मोदी ने मन की बात की शुरुआत में कहा कि हमें प्रकृति का संरक्षक बनना चाहिए। मन की बात कार्यक्रम में महाकवि गोपाल दास नीरज को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पिछले दिनों हमें नीरज जी छोड़ कर चले गए। उनकी कविता में हमें आशा की झलक दिखाई देती थी। पीएम मोदी ने कहा जो युवा अपने घर को छोड़कर बाहर पढ़ने गए हैं, वे वहां के बारे में जानें। वहां के पर्यटन स्थलों को जानना चाहिए। कॉलेज शुरू कर रहे युवाओं को पीएम मोदी ने शुभकामनाएं दीं। मन की बात कार्यक्रम में दिल्ली के प्रिंस कुमार, नागपुर की खुशी, गुड़गांव की दिव्यांग बेटी अनुष्का जैसे आदि छात्र-छात्राओं का नाम लिया। उन्होंने कहा कि इन सभी ने दृढ़ संकल्प से कामयाबी हासिल की।

पीएम मोदी ने कहा, 'कुछ दिनों पहले मेरी नजर एक खबर पर गई जिसमें लिखा था कि दो युवाओं ने किया पीएम मोदी के सपनों को साकार। घटना थी कि अमेरिका के सेन जोसे में मैं चर्चा कर रहा था। इसके बाद रायबरेली के दो आईटी प्रोफेशनल ने एक स्मार्ट गांव एप को तैयार किया है। इससे वे किसी भी सूचना को अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकते हैं।' पीएम मोदी ने इस एप के बारे में बताया कि गांव के ज्यादातर लोगों ने इसका प्रचार किया। इससे गांव के किसानों को एप से काफी फायदा हुआ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गणेश उत्सव उत्सव को लोकमान्य तिलक के प्रयासों का नतीजा करार देते हुए देशवासियों से पर्यावरण के अनुकूल (ईको-फ्रेंडली) गणेश उत्सव मनाने की अपील की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात के 46वें संस्करण में कहा कि इस बार आप सभी पर्यावरण के अनुकूल (ईको-फ्रेंडली) गणेश उत्सव मनाएं। हर शहर में ईको-फ्रेंडली गणेश उत्सव की अलग स्पर्धाएं हों, उनको इनाम दिए जाएं। माईगोव पर और नरेन्द्र मोदी एप पर भी ईको-फ्रेंडली गणेश-उत्सव की चीजें व्यापक प्रचार के लिए रखी जाएं।

उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक के प्रयासों से ही सार्वजनिक गणेश उत्सव की परंपरा शुरू हुई| परम्परागत श्रद्धा और उत्सव के साथ-साथ समाज-जागरण, सामूहिकता, लोगों में समरसता और समानता के भाव को आगे बढ़ाने का एक प्रभावी माध्यम बन गया। लोकमान्य तिलक साहस और आत्मविश्वास से भरे हुए थे| उनमें ब्रिटिश शासकों को उनकी गलतियों का आईना दिखाने की शक्ति और बुद्धिमत्ता थी। तिलक ने देशवासियों में आत्मविश्वास जगाया| उन्होंने नारा दिया था – 'स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम लेकर के रहेंगे'।

मोदी ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल लोकमान्य तिलक से अत्यधिक प्रभावित थे| जब 01 अगस्त, 1920 को लोकमान्य तिलक का देहांत हुआ तभी उन्होंने निर्णय कर लिया था कि वे अहमदाबाद में उनका स्मारक बनाएंगे।

मन की बात का लाइव प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर), दूरदर्शन और कई अन्य चैनल्स पर देखा व सुना जा सकता है। इसके अलावा पीएम मोदी के मन की बात को मोबाइल पर भी सुना जा सकता है। इसके लिए 1922 पर मिस कॉल देनी होगी। वहीं, हिंदी भाषा में कार्यक्रम के प्रसारण के बाद स्थानीय भाषाओं में भी मन की बात को सुना जा सकेगा।

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपनी 45वीं मन की बात में बीजेपी फाउंडर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि मुखर्जी ने देश की एकता के लिए काम किया। उन्होंने कहा था कि भारत का एक समृद्ध इतिहास रहा है। ऐसा कोई महीना नहीं है, जिसमें कोई-न-कोई ऐतिहासिक घटना न घटी हो। भारत में हर जगह की अपनी एक विरासत है। वहां से जुड़ा कोई संत है, कोई महापुरुष है, कोई प्रसिद्ध व्यक्ति है, सभी का अपना-अपना योगदान है, अपना महात्म्य है।

Updated : 29 July 2018 12:25 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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