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गर्व की बात : विश्व के 70 फीसदी बाघों का घर है भारत

प्रधानमंत्री मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की दी बधाई

गर्व की बात : विश्व के 70 फीसदी बाघों का घर है भारत
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नईदिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। वर्ष 2010 से बाघ संरक्षण के उद्देश्य से हर साल 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने वन्य जीवों से प्रेम करने वालों को बधाई दी है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर,वन्यजीव प्रेमियों, विशेष रूप से बाघ संरक्षण के प्रति उत्साही लोगों को बधाई। विश्व स्तर पर बाघों की 70% से अधिक आबादी का घर, हम अपने बाघों के लिए सुरक्षित आवास सुनिश्चित करने और बाघों के अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र को पोषित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।

51 बाघ अभ्यारण्य -

उन्होंने आगे कहा की 18 राज्यों में फैले 51 बाघ अभयारण्यों उनका घर है। 2018 की अंतिम बाघ गणना में बाघों की आबादी में वृद्धि देखी गई। भारत ने बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा की अनुसूची से 4 साल पहले बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल किया।बाघ संरक्षण की भारत की रणनीति स्थानीय समुदायों को शामिल करने को सर्वोच्च महत्व देती है। हम सभी वनस्पतियों और जीवों के साथ सद्भाव में रहने के हमारे सदियों पुराने लोकाचार से भी प्रेरित हैं, जिनके साथ हम अपने महान ग्रह को साझा करते हैं।

ये है प्रोजेक्ट टाईगर -

दुनिया के 13 देशों में ही बाघ पाएं जाते है, जिसमें से 70 फीसदी बाघों की जनसंख्या भारत में है। ये उपलब्धि प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता के कारण संभव हुई है। वर्तमान में पूरे विश्व में 3,900 जंगली बाघ हैं। जिसमें 70 फीसदी 2967 सिर्फ भारत में है। भारत में स प्रोजेक्ट की शुरुआत भारत में 7 अप्रैल 1973 में हुई थी। इसके तहत शुरआती स्तर पर देश 9 बाघ अभ्यारण्य बनाए गए। वर्तमान में इनकी संख्या बढ़कर 51 हो गई है।

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस -

विश्व में लोगों के मन में बाघों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सेंट पीट्सबर्ग में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें हर साल 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया है। इस सम्मेलन में साल 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था।

Updated : 12 Oct 2021 10:12 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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