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लॉकडाउन में छूट को लेकर कितनी तैयार हैं राज्यों की सरकारें

लॉकडाउन में छूट को लेकर कितनी तैयार हैं राज्यों की सरकारें
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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के मामलों में कमी आती ना देखकर केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 3.0 का ऐलान किया है। 4 मई से दो हफ्तों के लिए लॉकडाउन का तीसरा चरण प्रभावी रहेगा। हालांकि इसमें कई रियायतें दी गई हैं इसलिए इसे चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाने की शुरुआत भी कहा जा सकता है। गृह मंत्रालय ने रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बंटे जिलों के हिसाब से कुछ रियायतें दीं हैं। जबकि कुछ सुविधाएं ऐसी हैं जो हर जोन में बंद रहेंगी। स्कूल, कॉलेज, मॉल, जिम, सैलून, होटल, रेस्‍तरां और धार्मिक स्थान हर जोन में बंद रहेंगे। ऐसे ही एयर ट्रेवल, मेट्रो सर्विस और रोड ट्रांसपोर्ट से दूसरे राज्‍य जाने पर भी रोक रहेगी। 10 वर्ष से कम उम्र के और 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं के भी बाहर निकलने पर रोक है। सोशल डिस्‍टेंसिंग फॉलो करते हुए फार्मा, आईटी, जूट, पैकेजिंग आदि उद्योगों को चलाने की छूट दी गई है। 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ प्राइवेट ऑफिस भी खोले जा सकते हैं। मगर क्‍या राज्‍य सरकारें इतनी छूट देने को तैयार हैं? आइए जानते हैं।

मध्य प्रदेश के 9 जिलों को रेड और 19 जिलों को ऑरेंज जोन में रखा गया है। राज्‍य का आधे से ज्‍यादा हिस्‍सा अब भी संवदेनशील है। प्रदेश सरकार के लिए लॉकडाउन 3.0 के प्रावधानों का सख्ती से पालन करवाना निहायत जरूरी है। सरकार रेड जोन में लॉकडाउन सख्‍ती से लागू कराएगी। जोर इस बात पर होगा कि रेड जोन वाले इलाकों में संक्रमण को नियंत्रित कर उन्हें ऑरेंज जोन में तब्दील किया जा सके। ऑरेंज जोन के भी उन्हीं इलाकों में रियायतें मिलेंगी जहां संक्रमण कम है। गली-मोहल्ले की दुकानें कुछ घंटों के लिए खुलेंगी। ट्रांसपोर्ट सेवाओं के लिए भी सीमित अनुमति होगी। ग्रीन जोन वाले क्षेत्रों में छोटे उद्योग शुरू होंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि धैर्य के साथ लॉकडाउन का पालन करें, यह देश के लिए हितकर होगा। उन्‍होंने बहा कि अन्य राज्यों में काम करने वाले प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को हम चरणबद्ध तरीके से वापस ला रहे हैं। लॉकडाउन 3.0 में यूपी के ग्रामीण क्षेत्र और छोटे कस्बों में निर्माण सामग्री, हार्डवेयर और मोबाइल रिपेयरिंग की दुकानों को सशर्त खोले जाने का निर्देश दिया गया है। गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करते हुए ग्रीन जोन में औद्योगिक गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत पहले ही दी जा चुकी है।

बिहार के 38 जिलों में से 5 जिले रेड जोन में शामिल किया गया है। वहीं, 20 जिले ऑरेंज तो 13 जिले ग्रीन जोन में हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ग्रीन जोन के 13 जिलों की अन्य जिलों से लगने वाली सीमाओं को सील कर सकती है। ग्रीन जोन में लोग व्यवसायिक गतिविधि तो शुरू कर सकते हैं, लेकिन बंदिशें रहेंगी। ग्रीन जोन में रहने वाले लोगों को भी जिला छोड़ने की अनुमति मिलना मुश्किल है। सभी मजदूर खुद को सेनेटाइज कर मास्क और गल्बस पहन कर ही काम करेंगे। रेड जोन में कई पाबंदियों के साथ सरकारी कार्य और आवश्यक सेवा की ही फिलहाल सुविधा दी जाएगी।

राजस्थान के आठ जिले रेडजोन कैटेगरी में शामिल किए गए हैं। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के मुताबिक, अति संवेदनशील इलाकों में डेढ़ से लेकर पांच किलोमीटर के दायरे को बफर जोन में रखा जाएगा। स्क्रीनिंग और सर्वे के काम में तेजी लाई जाएगी। मोबाइल, लैपटॉप स्टेशनरी और कपड़ों की दुकानें भी अब सभी रेड जोन इलाकों में भी खुलेगी। ओपीडी और मेडिकल क्लिनिक खोलने की सुविधा भी रेड जोन में दी गई है। निर्माण कार्य करने वाले श्रमिक, जो साइट पर हैं, निजी दफ्तरों में 33 प्रतिशत कर्मचारी , आईटी कॉल सेंटर, ई कॉमर्स को भी रियायत दी गई है।

दिल्‍ली के सारे जिले रेड जोन में हैं। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्‍येंद्र जैन ने कहा है कि केंद्र सरकार ने रेड जोन में जो भी रियायतें दी हैं, वे दिल्‍ली में भी लागू होंगी। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने रेड जोन को ऑरेंज और ऑरेंज जोन को ग्रीन जोन में लाने के उपाय करने के निर्देश दिए हैं। कंटेनमेंट जोन को माइक्रो कंटेनमेंट जोन तक लिमिट करने और कोरोना संक्रमित और क्‍वारंटीन केसेज की बड़े पैमाने पर निगरानी की व्‍यवस्‍था हो रही है। सभी दिल्‍ली वालों से मोबाइल में आरोग्‍य सेतु ऐप इंस्‍टॉल करने को कहा गया है।

कोरोना से सबसे ज्‍यादा प्रभावित महाराष्‍ट्र है। सीएम उद्धव ठाकरे साफ कह चुके हैं कि वह मुंबई-पुणे बेल्‍ट, नागपुर और कुछ अन्‍य जगहों जो कि रेड जोन में हैं, वहां से लॉकडाउन नहीं हटा सकते। उन्‍होंने कहा कि ऑरेंज और ग्रीन जोन्‍स में इकनॉमिक एक्टिविटीज शुरू हो सकती हैं मगर रेड जोन में बिलकुल नहीं।

केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन 3.0 को लेकर जारी गाइडलाइंस पर गुजरात सरकार रविवार को फैसला लेगी। हालांकि सरकार कोरोना से प्रभावित तीन बड़े शहरों- अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में लॉकडाउन से छूट देने को तैयार नहीं दिखती। राजकोट जहां कम मामले हैं, वहां थोड़ी रियायत दी जा सकती है। डिप्‍टी सीएम नितिन पटेल ने कहा कि अधिकारियों को केंद्र की गाइडलाइंस के आधार पर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार अधिकारियों के अलावा नेताओं, कारोबारियों और आम जनता की भी राय लेगी।

अधिकतर राज्‍य केंद्र की ओर से लॉकडाउन 3.0 के लिए जारी गाइडलाइंस फॉलो कर सकते हैं। तमिलनाडु, कर्नाटक, जम्‍मू-कश्‍मीर, उत्‍तराखंड, केरल में गाइडलाइंस के हिसाब से रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले जिलों में छूट मिल सकती है। हालांकि कंटेनमेंट जोन में रियायत मिलने के आसार बेहद कम हैं।

Updated : 2 May 2020 6:45 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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