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डीएमके सांसद ने हिंदी को बताया पिछड़ों की भाषा, कहा - ये हमें 'शूद्र' बना देगी

हिंदी सिर्फ पिछड़े हुए राज्यों की भाषा है, जैसे – बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान

डीएमके सांसद ने हिंदी को बताया पिछड़ों की भाषा, कहा - ये हमें शूद्र बना देगी
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नईदिल्ली। तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल डीएमके ( द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम) के सांसद टीकेएस एलंगोवन ने हिंदी भाषा को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। उन्होंने हिंदी भाषा को पिछड़े और अविकसित राज्यों की भाषा बताया। उन्होंने कहा की वे यदि हिंदी बोलेंगे तो वे भी शूद्र बन जाएंगे।

बता दें की पिछले कुछ दिनों में दक्षिण भारत की कुछ फ़िल्मी हस्तियों ने भी हिन्दी भाषा पर टिप्पणी की है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओँ के कलाकारों के बीच विवाद गहरा गया था। इसी कड़ी में अब डीएमके सांसद के बयान ने आग में घी का काम किया है।

हिंदी से हम शूद्र बन जाएंगे -

सांसद टीकेएस एलंगोवन ने कहा की हिंदी सिर्फ पिछड़े हुए राज्यों की भाषा है, जैसे – बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब को देखिए। क्या ये सभी विकसित राज्य नहीं हैं? इन राज्यों के लोगों की मातृभाषा हिंदी नहीं है। हिंदी से हम शूद्र बन जाएँगे। ये हमारे लिए अच्छा नहीं होगा।"

अमित शाह के बयान का विरोध -

टीकेएस एलंगोवन ने गृहमंत्री अमित शाह के अप्रैल में दिए एक भाषण का विरोध किया। जिसमें उन्होंने हा था कि हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए न कि स्थानीय भाषाओं के लिए।

Updated : 6 Jun 2022 2:08 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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