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धर्मसभा: अयोध्या की मिट्टी को हाथ में लेकर दिलाया राम मंदिर निर्माण का संकल्प

राम मंदिर मुद्दे पर अब कोई सभा नहीं होगी, सीधे मंदिर निर्माण होगा : चंपत राय

धर्मसभा: अयोध्या की मिट्टी को हाथ में लेकर दिलाया राम मंदिर निर्माण का संकल्प
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राम मंदिर को लेकर सरकार 11 दिसम्बर के बाद घोषणा करेगी : रामभद्राचार्य

अयोध्या। अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा में संत-धर्माचार्यों ने राम मंदिर निर्माण के लिए हुंकार भरी। धर्मसभा के मंच से जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि राम मंदिर को लेकर सरकार 11 दिसम्बर के बाद घोषणा करेगी। विहिप के अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि इस धर्मसभा के बाद राम मंदिर मुद्दे पर अब कोई सभा नहीं होगी, सीधे मंदिर निर्माण होगा। विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा में कोई लिखित प्रस्ताव जारी नहीं हुआ। संतो और राम भक्तों की भावनाएं पूरी तरह साफ दिखीं कि विराट धर्मसभा राम मंदिर निर्माण को लेकर 'बिल' या 'आॅर्डिनेंस' लाए जाने के पूरी तरह पक्ष में है। संतो और राम भक्तों की धर्म सभा में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ नाराजगी भी दिखाई दी।

धर्मसभा में मंच पर से कोई विवादित बयान नहीं दिया गया। अब संतो की धर्मसभा आगामी 9 दिसम्बर को दिल्ली में आयोजित होगी। धर्मसभा के समापन पर अयोध्या की मिट्टी को हाथ में लेकर संतो और राम भक्तों को संकल्प दिलाया गया। इसमें कहा गया कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर विशाल राम मंदिर का निर्माण कराएंगे। हम इस संघर्ष को बेकार नहीं जाने देंगे और राम मंदिर निर्माण के लिए किसी भी कीमत पर आगे बढ़ेंगे।

रामभद्राचार्य ने कहा कि उनकी 23 नवम्बर को केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री से इस संबंध में बातचीत हुई थी। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि 11 दिसम्बर के बाद हम इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के साथ बैठेंगे। इस मुद्दे पर निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस संबंध में मंदिर निर्माण को लेकर कानून आएगा। रामभद्राचार्य ने बताया मंत्री कि कहा कि धैर्य रखें। सरकार सभी की भावनाओं का आदर करती है। रामभद्राचार्य ने कहा कि मैं राम भक्त हूं। राम जन्मभूमि हमारा अधिकार है।

सभा में विहिप के अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय ने अपनी मंशा साफ कर कहा कि संतो धर्माचार्यो को केंद्र सरकार ने राम मंदिर निर्माण का वचन दिया था, केंद्र सरकार अपने वचन पर कायम रहे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हमें पूरी की पूरी जमीन चाहिए। राम मंदिर में देरी होना सही संकेत नहीं है।अयोध्या में मस्जिद के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि अयोध्या राम की जन्म भूमि है। केंद्र सरकार ने राम मंदिर निर्माण का वचन दिया था। उस पर केंद्र सरकार अपने वचन पर कायम रहे। जब अर्जुन नहीं समझ रहे थे तो कृष्ण ने ही मुंह खोला था।

उन्होंने कहा कि हमें पूरी की पूरी जमीन चाहिए। पूरी जमीन मिलेगी तभी विकास संभव होगा। जमीन का बंटवारा नहीं होना चाहिए। अब हमारे सब्र की परीक्षा मत लो। उन्होंने न्यायालय में 'सुन्नी वक्फ बोर्ड' से केस वापस लेने के लिए भी कहा है। सुप्रीम कोर्ट टाल-मटोल कर कर रहा है। अयोध्या में मस्जिद के लिए कोई स्थान नहीं है। धर्मसभा में आचार्य दीपांकर ने कहा ये रामभक्त है, सियासत का हिस्सा नहीं है। हमारे रामलला कैद में है। उन्हें आजाद कराने की जिम्मेदारी हमारी है। दुनिया में किसी भी देश के भगवान का केस 'कोर्ट' मे नहीं। बस हमारे ही देश में है। अब हम यहां प्रतिज्ञा करते हैं, अब राम को 'टेंट' में नहीं रहने देंगे।

स्वामी राघवाचार्य ने कहा कि आतंकवादियों के लिए रात में 'कोर्ट' लग सकती है, लेकिन भगवान के लिए तारीख मिलती है। अगर समाज का कोर्ट से विश्वास उठा तो पूरे व्यवस्था पर संकट खडा हो जाएगा। जितेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि अब यह अपमान बर्दाश्त से बाहर है। हम आपके निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। न्याय देने से 'कोर्ट' भाग क्यों रहा है। रामानंदाचार्य महाराज ने कहा कि आज ही अयोध्या बेंगलुरु और नागपुर में ऐसा ही कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। ढुलमुल नीति नहीं अब रण होगा। जनजागरण कार्य शुरू कर दीजिए।

धर्मसभा का माहौल पूरी तरह से राममय रहा। संतों के भाषणों से युवाओं में जोश दिखाई दिया और वह 'जय श्री राम' के नारे लगाते रहे। मंच पर उपस्थित महामंडलेश्वर, धर्माचार्य, सन्त आदि उपस्थित जनता को जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण के लिए आश्वस्त करते रहे। वहीं सीताराम गुप्ता प्रतापगढ़ निवासी ने मंच पर नृत्य गोपाल दास को मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ का चेक सौंपा।

विहिप के मुताबिक धर्म सभा में आने वाले रामभक्तों के आवास, भोजन, वाहन पार्किंग, चिकित्सा तथा सभा स्थल सुरक्षा सहित प्रचार के प्रमुख का दायित्व में 500 से अधिक कार्यकर्ता लगाये गए। विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि धर्मसभा में बाहर से एक दिन पूर्व शनिवार को आने वाले लगभग पचास हजार रामभक्तों के आवास, भोजन की व्यवस्था भी विभिन्न स्थानों पर की गयी थी।

Updated : 30 Nov 2018 3:00 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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