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रूस-यूक्रेन युद्ध का कच्चे तेल पर असर, 14 साल बाद उच्चतम स्तर पर, बढ़ सकती है महंगाई

रूस-यूक्रेन युद्ध का कच्चे तेल पर असर, 14 साल बाद उच्चतम स्तर पर, बढ़ सकती है महंगाई
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नईदिल्ली। यूक्रेन पर हमले के बाद रूस को आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका और यूरोपीय देश रूस को स्विफ्ट से बाहर करने के बाद अब उसके तेल एवं गैस पर भी प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं। इसका असर अभी से क्रूड ऑयल की कीमतों पर दिखने लगा है, जो 14 साल के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर 128 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है।

यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध से कच्चे तेल में उछाल जारी है। कच्चा तेल साल 2008 के बाद उछलकर 14 साल के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 11.67 डॉलर यानी 10 फीसदी चढ़कर 128 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन ब्रेंट क्रूड 128.67 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। वहीं, डब्ल्यूटीआई क्रूड 124.47 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेंड कर रहा है। बता दें कि जुलाई 2008 में ब्रेंट क्रूड 147.50 डॉलर और डब्ल्यूटीआई 147.27 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था। ऐसे में कारोबार से जुड़े एक्सपर्ट का मानना है पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के बाद घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम भारी इजाफा हो सकता है। पेट्रोल-डीजल के दाम में इजाफे का असर आम उपभोक्ता से जुड़े समानों के दाम पर भी पड़ेगा। इससे खाने-पीने के सामान से लेकर आम आदमी के जरूरत से जुड़ी चीजों के दाम में बढ़ोतरी अभी से होने लगी है। क्योंकि, यूक्रेन-रूस के बीच जारी जंग का असर अभी से भारतीय बाजार में दिखने लगा है।

Updated : 9 March 2022 12:17 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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