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बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में सुनाई दिया "ऐ मेरे वतन के लोगों', ड्रोन लाइट शो से जगमगाया आकाश

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में सुनाई दिया ऐ मेरे वतन के लोगों, ड्रोन लाइट शो से जगमगाया आकाश
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नईदिल्ली। विजय चौक पर आयोजित बीटिंग रिट्रीट समारोह में शनिवार को पहली बार भव्य ड्रोन शो ने राष्ट्रीय राजधानी के ऊपर आसमान को चकाचौंध कर दिया। 10 मिनट के इस शो में स्वदेशी तकनीक के जरिए तैयार किए गए 1,000 ड्रोन शामिल थे, जिनकी पृष्ठभूमि में संगीत बज रहा था। ड्रोन ने 'आजादी का अमृत महोत्सव', भारत का नक्शा, तिरंगा और 'मेक इन इंडिया' का प्रतीक सिंह सहित विभिन्न पैटर्न में आकाश को रोशन किया। इससे पहले एक लेजर प्रोजेक्शन ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और आजादी के बाद की यात्रा को संक्षेप में बताया। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की दीवारों पर प्रोजेक्शन मैपिंग को प्रदर्शित किया गया।


भारतीय उत्साह के साथ मार्शल संगीत की 26 धुनों ने समारोह में मौजूद लोगों को गुनगुनाने के लिए मजबूर कर दिया। भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के बैंड ने फुट-टैपिंग संगीत बजाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। एंट्री बैंड ने 'वीर सैनिक' की धुन बजाई। इसके बाद पाइप्स एंड ड्रम बैंड, सीएपीएफ बैंड, एयर फोर्स बैंड, नेवल बैंड, आर्मी मिलिट्री बैंड और मास बैंड थे। 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाने के लिए समारोह में कई नई धुनें जोड़ी गईं। इनमें 'केरल', 'हिंद की सेना' और 'ऐ मेरे वतन के लोगन' शामिल हैं। समारोह का समापन हमेशा से लोकप्रिय धुन 'सारे जहां से अच्छा' के साथ हुआ। समारोह के मुख्य कंडक्टर कमांडर विजय चार्ल्स डी'क्रूज थे।


इसके बाद 10 मिनट के ड्रोन शो में स्वदेशी तकनीक के माध्यम से तैयार किए गए 1,000 ड्रोन शामिल थे, जिन्हें सिंक्रोनाइज़्ड बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ उड़ाया गया। इन ड्रोन ने भारत के नक्शे, महात्मा गांधी, तिरंगे और 'मेक इन इंडिया' के प्रतीक सिंह सहित विभिन्न पैटर्न को आसमान में रोशन किया। इसके अलावा शो के दौरान 'आजादी का अमृत महोत्सव' प्रदर्शित किया गया। ड्रोन शो का आयोजन स्टार्टअप 'बोटलैब डायनेमिक्स' ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से किया। इस शो को 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत डिजाइन, निर्मित और कोरियोग्राफ किया गया था। समारोह के अंत से पहले स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रोजेक्शन मैपिंग शो भी हुआ। लगभग 3-4 मिनट की अवधि के इस शो को नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की दीवारों पर प्रदर्शित किया गया।


'बीटिंग द रिट्रीट' उस समय से सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है, जब सूर्यास्त के समय बिगुलरों के पीछे हटने की आवाज देते ही सैनिक अपने हथियार बंद करके युद्ध से अलग हो जाते थे। यही कारण है कि पीछे हटने की आवाज के दौरान अभी भी खड़े होने की प्रथा आज तक बरकरार रखी गई है। रंग और मानक आवरण वाले झंडे सैनिकों के पीछे हटने पर उतारे जाते हैं। ड्रमबीट्स उन दिनों को याद करते हैं जब शाम को नियत समय पर कस्बों और शहरों में सैनिकों को उनके क्वार्टर में वापस बुला लिया जाता था। इन सैन्य परंपराओं के आधार पर 'बीटिंग द रिट्रीट' समारोह पुरानी यादों को ताजा करने का माहौल बनाता है।

समारोह को सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, थलसेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे, वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख आर. हरि कुमार, देश के रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार सहित रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य आमंत्रित गणमान्य व्यक्तियों ने देखा।



Updated : 29 Jan 2022 4:51 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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