देश के 21 पूर्व जजों ने CJI को लिखी चिट्ठी, कहा- न्यायपालिका पर बनाया जा रहा अनुचित दबाव
चीफ जस्टिस को पत्र लिखने वालों 21 जजों में से 4 सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज हैं। जबकि बाकी 17 राज्यों के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस या अन्य जज हैं।
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नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट और जाए कोर्ट के 21 रिटायर्ड जजॉ ने मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने न्यायपालिका को अनुचित दबाव से बचाए जाने की बात कही है। साथ ही कुछ गुटों द्वारा निजी फायदों के लिए न्यायपालिका की छवि खराब करने की बात कही है।
21 Retired Judges write to Chief Justice of India (CJI) Dy Chandrachud
— ANI (@ANI) April 15, 2024
"We write to express our shared concern regarding the escalating attempts by certain factions to undermine the judiciary through calculated pressure, misinformation, and public disparagement. It has come to… pic.twitter.com/bPZ0deczI2
चीफ जस्टिस को पत्र लिखने वालों 21 जजों में से 4 सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज हैं। जबकि बाकी 17 राज्यों के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस या अन्य जज हैं। हालांकि इस पत्र में उन घटनाओं का उल्लेख नहीं है। जिसमें न्यायपालिका पर दबाव वाली घटनाएं हुई हो।
पत्र में जजों ने लिखा - "हमपर कुछ गुटों की ओर से अनुचित दबाव के साथ गलत सूचना और सार्वजनिक अपमान के माध्यम से न्यायपालिका को कमजोर करने का प्रयास हो रहा है। यह हमारे संज्ञान में आया है कि संकीर्ण राजनीतिक हितों और व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित ये तत्व हमारी न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास कर रहे हैं"इस तरह की कार्रवाइयां न केवल हमारी न्यायपालिका की पवित्रता का अपमान करती हैं, बल्कि न्याय और निष्पक्षता के सिद्धांतों के लिए सीधी चुनौती देते हैं, जिन्हें बनाए रखने के लिए कानून के संरक्षक के रूप में जजों ने शपथ ली है।"
जजों ने आगे लिखा - "हम विशेष रूप से गलत जानकारी से ज्यूडीशियरी के खिलाफ जनता की भावनाओं को भड़काने वाले टैक्टिक्स को लेकर चिंतित हैं, जो न केवल अनैतिक है, बल्कि हमारे लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के लिए नुकसानदायक भी है। किसी के विचारों से मेल खाने वाले अदालती फैसलों की चुनिंदा तौर पर तारीफ और जो फैसले विचारों से मेल नहीं खाते, उनकी तीखी आलोचना करने का चलन ज्यूडिशियल रिव्यू और कानून को कमजोर करता है।"
स्वदेश डेस्क
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