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पत्रकार से लेकर भारत के प्रधानमंत्री बनने तक का सफर

पत्रकार से लेकर भारत के प्रधानमंत्री बनने तक का सफर
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देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 में ग्वालियर में हुआ था। एक शिक्षक परिवार में पैदा हुए अटल बिहारी वाजपेयी जनता के बीच प्रसिद्ध अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। अटल जी को लेकर माना जाता है कि उन्होंने बहुपक्षीय और द्विपक्षीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने इस कौशल का एक शानदार परिचय दिया।

अटलजी ने पत्रकार के रूप में शुरू किया था करियर

भारत सरकार की एक अधिकारिक वेबसाइट आरचीवपीएमओ डॉट एनआईसी डॉट इन के मुताबिक राजनीतिक विज्ञान और कानून के छात्र रहे अटल बिहारी वाजपेयी जी ने एक पत्रकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। वहीं भारतीय राजनीति में पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी ने भारत छोड़ो आंदोलन के साथ ही 1942 में कदम रखा था। इसके बाद वह इस दिशा में तेजी से बढ़े।

सांसद के रूप में चार दशक तक रखा वर्चस्व कायम

1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी। आज की भारतीय जनता पार्टी को पहले भारती जन संघ के नाम से जाना जाता था जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का अभिन्न अंग है। एक अनुभवी सांसद के रूप में चार दशक तक अपना वर्चस्व कायम रखा। वह लोकसभा में नौ बार और राज्यसभा में दो बार चुने गए जो अपने आप में ही एक कीर्तिमान है।

अटल जी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने

अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी जी 1996 में और दूसरी बार 1998 में प्रधानमंत्री बने। इसके बाद वह तीसरी बार 1999 को वह प्रधानमंत्री बने और 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। अटल जी ने भारत के विदेश मंत्री का पद भी संभाला। आजादी के बाद भारत की घरेलू और विदेश नीति को आकार देने में एक सक्रिय भूमिका निभाई।

अगले हजार वर्षों में आने वाली चुनौतियों का सामना

अटल बिहारी वाजपेयी ने हमेशा भारत को सभी राष्ट्रों के बीच एक दूरदर्शी, विकसित, मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ते हुए देखने की इच्छा जताई। वह अपने राजनैतिक जीवन में कहते रहे हैं कि वह एक ऐसे भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं जिस देश की सभ्यता का इतिहास 5000 साल पुराना है और अगले हजार वर्षों में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी को खाना पकाने का रहा शौक

अटल जी ने समाज की मूलभूत जरूरतों के लिए अनेक काम किए। इसके अलावा महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक समानता में भी आगे रहे। अटल जी ने एक बेहतरीन समीक्षक, कवि और संगीतकार के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। इसके अलावा उन्हें स्वादिष्ट खाना पकाने का भी शौक रहा। खास है कि उन्होंने अपनी रुचियों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें जिंदा रखा।

इन पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं अटल जी

अटल जी दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित हो चुके हैं। वहीं उन्हें 1994 में भारत का सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार और भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। अपने नाम के ही समान अटलजी एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नेता, प्रखर राजनीतिज्ञ, नि:स्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता, सशक्त वक्ता, कवि, साहित्यकार, पत्रकार और बहुआयामी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे।

Updated : 17 Aug 2018 12:31 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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