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1971 के बाद पहली बार दिखाया भारत ने दमखम : श्याम जाजू

1971 के बाद पहली बार दिखाया भारत ने दमखम : श्याम जाजू
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नई दिल्ली। पुलवामा आतंकी हमले के बाद 2019 के आसन्न चुनावों के मद्देनजर राजनीति तेज हो गई है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाए जाने लगे लेकिन जनता ने उन पर पूरा भरोसा बनाए रखा। यही कारण है कि तेरहवें दिन सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति रंग लाई। इन बारह दिनों में नेतृत्व ने संयम दिखाते हुए सेना को पूरा समय दिया। बारीक से बारीक बिंदुओं की समीक्षा की। अंतर्राष्ट्रीय शक्तियों को अपने पक्ष में खड़ा किया। फिर बिना कोई मौका दिए भारत ने दिखाया कि वह जब चाहे कार्रवाई कर सकता है। कार्रवाई न करना भारत की अक्षमता या कायरता नहीं बल्कि संयम और आत्मविश्वास है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली के प्रभारी श्याम जाजू ने कहा कि 1971 के बाद बालाकोट में आतंकी ठिकानों को रोंदकर पहली बार भारत ने दमखम दिखाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने दूरदर्शिता दिखाते हुए पाकिस्तान को विश्व समुदाय से अलग-थलग कर दिया है।

दिल्ली में भाजपा कई सालों से सत्ता से दूर है लेकिन लोकसभा चुनावों में वह भाजपा को पूरा समर्थन देती आई है। पिछले 2014 के चुनाव में भाजपा ने सातों सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। पार्टी इस प्रदर्शन को दोहराना चाहती है इसके लिए वह पूरा जोर लगा रही है। 'कमल ज्योति अभियान' के जरिए पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से संवाद स्थापित कर रहे हैं। लाभार्थियों को योजनाओं के बारे में समझा रहे हैं। बतौर प्रभारी श्याम जाजू कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं। स्वदेश ने उनके कार्याें के बारे में जानने की कोशिश की। प्रस्तुत है प्रमोद पचौरी से बातचीत के अंश -


सवाल: पिछले कुछ चुनावों में दिल्ली देश का मूड बताने में सहायक सिद्ध होती रही है। इस बार किस तरह के समीकरण बनते नजर आ रहे हैं? खासकर कांग्रेस में शीला दीक्षित की वापसी के बाद।

जवाब: 2014 में भाजपा ने विकास का जो एजंडा पेश किया था उस पर पार्टी व सरकार पूरी तरह से खरी उतरी। रहा सवाल पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का तो पिछले चुनाव में जनता ने उन्हें बुरी तरह नकारा था। आम अदमी पार्टी लोगों को बरगलाकर लोकायुक्त बिठाने जैसे सपने दिखाकर सत्ता में आई पर उसकी कथनी और करनी में अंतर साफ हो गया है। इसीलिए मुख्यमंत्री केजरीवाल हड़बड़ी में कांग्रेस के साथ गठबंधन के छटपटा रहे हैं। उन्होंने अनशन पर जाने की भी बात की थी पर अब उसे निरस्त किया है। जनता से केजरीवाल उतर चुके हैं।

सवाल: संगठन स्तर पर बूथ प्रबंधन की बात की जा रही है। इस बार क्या कुछ बदलाव के साथ पार्टी ने रणनीति बनाई है?

जवाब: देशभर में बूथ प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है। इसमें वाइक सवार रैली के रूप में देशभर में अपना प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन दो मार्च को देशभर में होगा कुछ स्थानीय कारणों से महाराष्ट्र में तीन मार्च को रखा गया है। इसमें केंद्रीय मंत्री सहित पार्टी के पदाधिकारीगण हिस्सा ले रहे हैं।

सवाल: विपक्ष आज न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर बैठक कर रहा है। चुनाव से पूर्व सीएमपी को किस नजरिए से देखते हैं?

जवाब: देश में इस समय प्रधानमंत्री मोदी का कोई विकल्प नहीं है। विपक्ष इस सच्चाई से घबराया हुआ है। न नीति है न ही नेता। केवल मोदी को रोकने के लिए ही विपक्ष बेमेल गठबंधन पर जोर दे रहा है। सीएमपी कोई एजंडा न होकर यह तो मात्र नकारात्मकता है जिसका भाजपा और मोदी की लोकप्रियता पर असर नहीं पड़ने वाला। भाजपा फिर से मजबूत सरकार बनाने जा रही है।

Updated : 3 March 2019 1:33 PM GMT
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