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विंग कमांडर अभिनंदन पर फिल्म निर्माण के प्रयासों का अभिनंदन

विंग कमांडर अभिनंदन पर फिल्म निर्माण के प्रयासों का अभिनंदन
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भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने आए पाकिस्तानी विमानों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मार गिराने वाले विंग कमांडर अभिनंदन आज भारतीय शौर्य के प्रतीक हैं। हमले के इरादे से पाकिस्तान से आए एफ 16 विमान को भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलट ने मार गिराया था मगर इस अभियान में वे पैराशूट से उतरकर पाकिस्तानियों के हाथ आ गए थे। भारतीय कूटनीति के बाद जांबाज अभिनंदन करोड़ों भारतीयों की शान बनकर बाघा सीमा से भारत आए थे। देश दुनिया से लेकर सिने जगत के अभिनंदन हीरो बन गए हैं। जल्द ही विंग कमांडर अभिनंदन की बहादुरी मुंबई सिनेमा के पर्दे पर साकार होगी। मुंबई के कई रचनाधर्मी निर्देशकों ने इस विषय पर फिल्म निर्माण के अधिकार हासिल कर लिए हैं। अलग-अलग नामों से ये फिल्में सर्जीकल स्ट्राइक २ और विंग कमांडर अभिनंदन के पराक्रम को वीरता की पटकथा से रेखाकिंत करेंगी।

भारतीय वायुसेना के पायलट की वीरता को पर्दे पर उतारने के प्रति बॉलीवुड का यह उत्साह स्वागत योग्य है। नि:संदेह यह फिल्म अभिनंदन के पराक्रम, वीरता और शौर्य का दस्तावेज बनकर सिने पर्दे से जन जन तक पहुंचेगी।

सेना की जांबाजी पर देशभक्तिपूर्ण फिल्मों का मुंबई सिनेमा में लंबा इतिहास रहा है। ऐसी फिल्में पूरे समाज में देशभक्ति की भावना घोलकर वीर रस का संचार करती हैं। क्या हम जे पी दत्ता की बॉर्डर फिल्म को कभी भूल सकते हैं? संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं जैसा भावप्रवण गीत पूरे हिन्दुस्तान के दिलों में आज भी गूंजता है। इस गीत में हमारी सेना के वीर सिपाहियों की संवेदनाएं और जज्बात रोशन हुए थे। कैसे सीमा पर डटे रहने वाले लाखों वीर सैनिक अपने घर परिवार बीवी बच्चों के विछोह के बावजूद मां भारती की रक्षा करते हैं।

अजय देवगन और अभिषेक बच्चन की जमीन फिल्म भी शानदार रही। कंधार हवाई जहाज अपहरण कांड की तर्ज पर बनी इस फिल्म में सेना की दिलेरी पर यादगार दृश्य थे। अजय देवगन ने इस फिल्म में थलसेना के मेजर का बहुत ही यादगार किरदार निभाया था। फिल्म में अपहरणकर्ताओं का खात्मा एक प्रेरक संदेश रहा।

टैंगो चार्ली भी सीमा की रक्षा करने वाले जांबाज सैनिकों पर बहुत ही प्रेरक फिल्म रही। इस फिल्म में एक साथ देश के सामने आने वाली नक्सलवाद, कश्मीर के आतंकवाद, उत्तरपूर्वी राज्यों में फैलते माओवाद के खतरे पर सार्थक सिनेमा रचा गया था। हाल ही में आयी उरी द सर्जिकल स्ट्राइक को कौन भारतीय भूल सकता है। रोनी स्कू्रवाला की इस फिल्म में हमने आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली भारतीय सेना के जांबाज कमांडो देखे थे। इस फिल्म से निकला वीर वाक्य 'हाउ इज द जोश' तो सोशल मीडिया से लेकर तमाम संचार माध्यमों में लगातार चर्चा में बना हुआ है। भारत का जब-जब सीमाओं पर आक्रांता देशों से सामना हुआ तब तब सिनेमा ने भी देशभक्ति से सराबोर फिल्में बनाकर पूरे भारत को जोडऩे का काम किया है। तिरंगा, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो से लेकर तमाम फिल्में आम भारतीयों की भुजाओं में वीरता का जोश भरती हैं। लंबे समय से जब सिनेमा के पर्दे पर तमाम हल्की मानसिकता के निर्देशक अश्लीलता के जरिए माल कूटने में लगे थे ऐसे में सीमा पर तनातनी के बाद भारतीय सेना के जज्बे ने मुंबई सिनेमा को भी संभवत: कुछ नया और अच्छा करने की दृष्टि दी है। हमने सिंघम जैसे फिल्मी नायकों को देश के अंदर की गंदगी पर प्रहार करते लगातार देखा है संभवत: जल्द ही हम सीमापार के आतंकवाद पर सेना के प्रहार को सिने पर्दे पर देखेंगे। विंग कमांडर अभिनंदन हर भारतवासी के अभिनंदन हैं। हम अभिनंदन करते हैं उन प्रयासों का जो हमें विंग कमांडर अभिनंदन के असीम शौर्य को सिने पर्दे पर दिखाने के लिए शुरु हुए हों। जयहिन्द।

-विवेक पाठक

Updated : 16 March 2019 6:05 PM GMT
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Naveen Savita

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