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टाटा मोटर्स को लगा बड़ा झटका, ओला, उबर ने 2.7 लाख कारों का अॉर्डर लिया वापस

टाटा मोटर्स को लगा बड़ा झटका, ओला, उबर ने 2.7 लाख कारों का अॉर्डर लिया वापस
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नई दिल्ली। देश में कार को भाड़े पर चलवाने वाली कंपनी ओला व उबर ने टाटा मोटर्स से 2.7 लाख कार का अॉर्डर वापस ले लिया है। उल्लेखनीय है कि टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा व पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री के बीच चल रहे लंबे विवाद के विवाद के कारण यह डील कामयाब नहीं हो पाया और अब इस डील में टाटा के प्रतिस्पर्धी मारुति ने बाजी मार ली है।

जानना जरूरी है कि ओला और उबर ड्राइवरों को किश्त पर कार मुहैया करवाती हैं।

रतन टाटा ने मिस्त्री से इस मामले में कहा था कि वह ओला के प्रस्ताव पर विचार करें क्योंकि यह डेढ़ लाख कार खरीदना चाहती है। साथ ही टाटा ने यह भी कहा था कि ओला व उबर के साथ सौदा कंपनी के लिए फायदेमंद हो सकता है। टाटा ने कहा था कि टाटा मोटर्स इस सौदे से मुंह कैसे मोड़ सकती है।

रतन टाटा के अनुसार इस अॉर्डर के संदर्भ में उत्पादन 15 महीने में पूरा किया जा सकता था। साथ ही टाटा नैनो के कारण टाटा मोटर्स को हुए घाटे को भी इस डील से पाटा जा सकता था।

जानकारी के अनुसार रतन टाटा ओला के सह-संस्थापक भविश से भी बात कर रहे थे। ओला टाटा मोटर्स से 10 हजार नैनो व इंडिका या इंडिगो कार सीधे खरीदने को तैयार थी। यहां तक कि ओला टाटा से सलाना डेढ़ लाख वाहन खरीदने को तैयार थी। लेकिन टाटा मोटर्स से उत्साहवर्धक जवाब नहीं मिलने के कारण ओला ने अॉर्डर मारुति सुजुकी को दे दिया।

साथ ही ओला की प्रतिस्पर्धी कंपनी उबर भी टाटा मोटर्स से बात कर रही थी और उसे 1 लाख 20 हजार इंडिका या इंडिगो कारों की दरकार थी। इस डील के कामयाब नहीं होने का मुख्य कारण था कि मिस्त्री ओला में टाटा की ओर से निवेश करने के लिए तैयार नहीं थे। इस बीच मुंबई स्थित एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिबुनल) ने भी कहा है कि इस डील के लिए रतन टाटा की सलाह कंपनी के लिए घाटे का सौदा नहीं था। एनसीएलटी ने यह भी कहा था कि मिस्त्री ने टाटा मोटर्स के बहुसंख्यक शेयरधाररियों के हक की हत्या कर दी।

Updated : 14 July 2018 2:03 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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