Home > अर्थव्यवस्था > फ्लिपकार्ट से बिन्नी बंसल का निकलना कॉरपोरेट के लिए बड़ी चेतावनी

फ्लिपकार्ट से बिन्नी बंसल का निकलना कॉरपोरेट के लिए बड़ी चेतावनी

फ्लिपकार्ट से बिन्नी बंसल का निकलना कॉरपोरेट के लिए बड़ी चेतावनी
X

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। आनन फानन में फ्लिपकार्ट के सीईओ बिन्नी बंसल के इस्तीफे ने भारतीय कॉरपोरेट व्यवस्था को चकित कर दिया है। हालांकि इससे पहले अमेेरिकन व्यवस्था को मी-टू आंदोलन ने पिछले एक साल से आंदोलित किया है।

पिछले मंगलवार को फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण करने वाली कंपनी वालमार्ट इंक ने कहा था कि बिन्नी बंसल अपने उपर लगे यौन शोषण के आरोप के कारण कंपनी से इस्तीफा दे रहे हैं लेकिन जांच के दौरान बंसल के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिल पाने से जांच पर ही अंगुली उठ रही है। उल्लेखनीय है कि वालमार्ट की ओर से फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण के बाद बंसल रातोंरात करोड़पति बन गए। फिर कंपनी द्वारा बंसल को दरवाजा दिखाया जाना दर्शाता है कि कंपनी यौन संबंधी आरोपों के प्रति संजीदा है। इसके चलते अब निवेशक भी यौन शोषण के मामले को देखकर ही निवेश करेंगे।

देश में शुरू हुए मी-टू आन्दोलन की शुरुआत के साथ ही कई सीईओ और यहां तक कि एमजे अकबर जैसे मंत्री को भी इस्तीफा देना पड़ा। इस बीच सिंगापुर के एक बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर जो किनयास ने कहा है कि बंसल का इस्तीफा भारतीय बाजार में काम करने वाले सीईओ के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि यौन शोषण के मामले में अब कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हालांकि फ्लिपकार्ट के कर्मियों के लिए यह कार्रवाई दोषपूर्ण लग रही है। उल्लेखनीय है कि बंसल ने आरोप को पूरी तरह खारिज किया है और कंपनी की आंतरिक जांच भी बंसल को निर्दोष ही बता रही है।

गौरतलब है कि जब भी किसी कंपनी की ओर से किसी दूसरी कंपनी का अधिग्रहण किया जाता है तो वहां कार्य संस्कृति के बीच अंतरद्वंद्व होना तो तय ही होता है, फिर भी वालमार्ट की कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि भारतीय कॉरपोरेट पर इस घटना का दबाव जरूर महसूस किया जाएगा।

Updated : 18 Nov 2018 7:33 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top