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रूस के साथ एस - 400 सौदा पर भी विवाद की संभावना

रूस के साथ एस - 400 सौदा पर भी विवाद की संभावना
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नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। रूस के राष्ट्रपति पुतिन हाल ही में भारत आये थे और भारत सरकार की उनसे लगभग 40 हजार डालर का मिसाइल रोधी एस - 400 खरीद के सौदे पर निर्णायक बातचीत हुई । रूस मिसाइल रोधी यह तकनीकी 1990 से प्रयोग कर रहा है तथा इसको इंग्लैंड , चीन सहित कई यूरोपीय देशों को बेच चुका है। सूत्रों का कहना है कि इस सौदे पर भी उन विपक्षी दलों व रक्षा विशेषज्ञों की खोजी निगाह लगी हुई है जो लड़ाकू विमान राफेल सौदे में गुजराती उद्योगपति अनिल अंबानी को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार रूस में रक्षा निर्यात सौदा करने का काम रूस की सरकारी कम्पनी रोसोबोरोनक्सपोर्ट करती है। इसकी सहायक आयुद्ध कम्पनी है अल्माज – आंते ,जो कि एंटी मिसाइल एस – 400 बनाती है। अनिल अंबानी की कम्पनी रिलायंस डिफेंस ने 24 दिसम्बर 2015 को एस-400 बनाने वाली रूसी कम्पनी अल्माज-आंते के साथ 6 अरब डालर के संभावित रखरखाव व विनिर्माण सौदे पर हस्ताक्षर किये थे। इस सौदे के बाद रिलायंस डिफेंस ने 24 दिसम्बर 2015 को प्रकाशित प्रेस विज्ञप्ति में लिखा था कि रिलायंस डिफेंस और अल्माज-आंते की साझेदारी से पुर्जों की आपूर्ति,आधुनिकीकरण,अनुसंधान,आफसेट के निष्पादन ,विकास परियोजनाओं का विस्तार होगा।

मालूम हो कि उसी दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 व 24 दिसम्बर को रूस की सरकारी यात्रा पर गये थे। जिसमें कई उद्योगपति भी उनके साथ गये थे। इस कारण विपक्षी दलों की निगाह एस-400 सौदे में भी अनिल अंबानी को लाभ पहुंचाने वाला झोल ढ़ूंढ़ने में लगी हुई है। इस कड़ी में एक समीकरण और देखा जा रहा है । वह यह कि प्रधानमंत्री के इस रूस यात्रा के 20 दिन पहले भारत सरकार ने 3 दिसम्बर 2015 को अनिल अंबानी , गौतम अडानी सहित देश के 12 बड़े उद्योगपतियों को महत्वपूर्ण औद्योगिक लाइसेंस दिये थे। उसके बाद इनकी कम्पनियों को रक्षा संबंधी सभी तरह के आयुध सामग्री , हथियार आदि के निर्माण करने में सक्षम होने के 27 तरह के लाइसेंस दे दिये गये।

Updated : 21 Oct 2018 4:52 PM GMT
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स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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