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जेएनयू हिंसा कि स्क्रिप्ट 28 अक्टूबर को ही लिखी गई थी : निधि त्रिपाठी

जेएनयू हिंसा कि स्क्रिप्ट 28 अक्टूबर को ही लिखी गई थी : निधि त्रिपाठी
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नई दिल्ली।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में हुई हिंसा के लिए वामसमर्थित छात्र संघ को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि 'शहरी नक्सलियों' ने विश्वविद्यालय की ख्याति को धूमिल कर दिया। एबीवीपी ने जेएनयू हिंसा से जुड़े आठ वीडियो मीडिया के समक्ष प्रदर्शित कर दावा किया कि इसमें लाठी और पत्थरों से लैस नकाबपोश वामपंथी संगठनों के नेता हैं।

इन वीडियो में जेएनयू की पूर्व छात्रसंघ सह सचिव अमुथा जैदीप, मौजूदा छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष, सतीश चंद्र यादव, चुनचुन कुमार, गीता कुमारी और वामपंथी नेता डी राजा की बेटी अपराजिता राजा सहित अन्य वामपंथी छात्र नेताओं को पेरियार हॉस्टल के बाहर डंडों से लैस होकर तो कही भीड़ का नेतृत्व करते दिखाई दे रहे हैं।

एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने सोमवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एबीवीपी ने पुलिस को सभी वीडियो साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं और केवल पांच जनवरी नहीं बल्कि 28 अक्टूबर से शुरू होने वाली घटनाओं की श्रृंखला की निष्पक्ष और विस्तृत जांच की मांग की है। एबीवीपी ने स्पष्ट रूप से उन सभी के लिए सख्त सजा की मांग की है जो हिंसा के कार्य में दोषी पाए जाते हैं।

जेएनयू छात्रावास फीस वृद्धि को लेकर छात्र आंदोलन पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि 5 जनवरी की घटना को कोई छात्र आंदोलन नहीं ब्लकि विश्वविद्यालय पर एक नक्सली हमला था। इसकी पटकथा 28 अक्टूबर को लिखी गई थी और उसका पटाक्षेप 5 जनवरी को हिंसा के माध्यम से हुआ।

उन्होंने कहा कि जो छात्र परीक्षा देना चाहते थे उन्हें धमकाकर गत दो महीने से विश्वविद्यालय की अकादमिक गतिविधियों को ठप कर दिया गया है। जो छात्र-प्राध्यापक अकादमिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाना चाहते हैं उनको वामपंथी लोगों के द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है‌।

हिंसा के लिए एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराये जाने की खबरों पर उन्होंने मीडिया को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि साक्ष्य, गवाह और पुलिस कार्रवाई को दरकिनार कर कुछ मीडिया संस्थान घटना के लिए एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराने में जुटे हैं।

Updated : 13 Jan 2020 3:00 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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