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आईएसआई ने रची पठानकोट जैसे हमले की साजिश, भारतीय वायु सेना हुई अलर्ट

आईएसआई ने रची पठानकोट जैसे हमले की साजिश, भारतीय वायु सेना हुई अलर्ट
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नई दिल्ली। पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई ने जनवरी, 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले की तर्ज पर इसी महीने राजस्थान के सैन्य ठिकाने पर हमले करने की साजिश रची है। इस योजना को अंजाम देने की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को सौंपी गई है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी हमले की साजिश के बारे में भनक लगने के बाद भारतीय सेना और वायुसेना को अलर्ट किया है।

पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान की सीमा के निकट जोधपुर प्रमुख सैन्य बेस है। सेना की कोणार्क कोर का मुख्यालय भी यहीं पर है। यह कोर दक्षिणी कमान का ही हिस्सा है। इसके अलावा पोकरण में सबसे बड़ी फायरिंग रेंज है। इस रेंज में हमेशा सेना की विभिन्न यूनिट्स का युद्धाभ्यास चलता रहता है। ख़ुफ़िया सूत्रों ने यह इनपुट मिलने से पहले भी जानकारी दी थी कि पाकिस्तान भारत में घुसपैठ की एक बड़ी योजना बना रहा है। भारत में घुसपैठ के लिए नियंत्रण रेखा के पास बड़ी तादाद में आतंकवादियों को इकट्ठा किया गया है। दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना आतंकवादियों को घुसपैठ के लिए कवर फायर मुहैया कराने के लिए संघर्ष विराम उल्लंघन का सहारा ले रही है।

राजस्थान का सैन्य ठिकाना आतंकियों के निशाने पर

इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक अधिकारी ने बताया कि राजस्थान के सैन्य ठिकाने पर पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई की नजर है। सेना के इस ठिकाने पर आईएसआई ने पठानकोट एयरबेस पर जनवरी, 2016 में हुए हमले की तर्ज पर हमला करने की साजिश रची है, जिसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद को सौंपी गई है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकी गतिविधियों का समन्‍वय करने वाले जैश-ए-मोहम्‍मद के कमांडर मुफ्ती मोहम्‍मद असगर खान कश्‍मीरी के नेतृत्व में आतंकी संगठन लश्‍कर, जैश और हिज्‍बुल की बैठक हुई है, जिसमें इस योजना को अंतिम रूप दिया गया है। पाकिस्तान की सेना आतंकी संगठनों को फिर से जिंदा करने की रणनीति पर काम कर रही है। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को एक साथ लाने के लिए कई बैठकें भी हुई हैं।

ख़ुफ़िया सूत्र बताते हैं कि आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन इन दिनों कमजोर पड़ा है, जिसे फिर से सक्रिय करने के लिए भी यह बैठकें हुई हैं। पाकिस्तान सेना का उद्देश्य कश्मीर घाटी में इन संगठनों को एक साथ लाना है ताकि समन्वित आतंकी हमलों को अंजाम दिया जा सके। पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में मोबाइल कवरेज बढ़ाने के लिए एक संयंत्र भी बनाया है। यह न केवल घाटी में संचार तंत्र को मजबूत करेगा बल्कि उन आतंकवादियों की भी सहायता करेगा जो घुसपैठ करना चाहते हैं। योजना यह है कि मौजूदा टेलीकॉम टावरों को नया रूप दिया जाए और नए निर्माण भी किए जाएं। पाकिस्तान के विशेष संचार संगठन ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ नियंत्रण रेखा पर 30 से अधिक टावरों से संकेतों का विश्लेषण किया है।

इधर, इन दिनों कश्मीर घाटी में चल रहा सेना का आत्म समर्पण अभियान सफल होने से पाकिस्तानी सेना और आईएसआई बौखलाई है। पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय सेना की एंटी इंफिल्टरेशन ग्रिड मजबूत और 24 घंटे सक्रिय है, इसलिए आतंकियों के घुसपैठ के मंसूबे सफल नहीं हो पा रहे हैं। इस बार अभी तक पाकिस्तान की तरफ से सिर्फ 30 आतंकियों ने घुसपैठ की है जबकि पिछले साल इस समय तक 130 आतंकी सीमा पार से आ चुके थे। घाटी में सक्रिय स्थानीय आतंकियों का समर्पण कराने में सेना को लगातार सफलता मिल रही है। गुरुवार को भी सेना ने सोपोर के तुजेर गांव में मुठभेड़ में फंसे दो स्थानीय आतंकवादियों का समर्पण उनके परिवार के सदस्यों से अपील करवाकर कराया।

Updated : 22 Oct 2020 3:12 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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