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राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का विषय बना भिंड-दतिया लोकसभा चुनाव

बरैया की नैया पार लगाने की ज़िम्मेदारी डॉ गोविंद सिंह के कंधो पर

राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का विषय बना भिंड-दतिया लोकसभा चुनाव
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भिंड। वेशक ग्वालियर–चंबल अंचल की अन्य सीटो पर चुनाव सरगर्मी अभी तेज न हो पर भिंड -दतिया संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने के वावजूद भी राजनीतिक गलियारो की चर्चाओ का विषय बन चुकी है यहा के चुनाव को कम आंकना राजनीतिक विश्लेषको की भूल होगी, यहा का चुनाव दिनोदिन दिलचस्प होता जा रहा है एक ओर चुनाव लड़ने के महारथी जो घाट-घाट का पानी पिये काँग्रेस से उम्मीदवार फूल सिंह बरेया मेदान मे है, जो काँग्रेस प्रत्यासी राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह के चहेते है तो भाजपा प्रत्यासी संध्या राय को केन्द्रीय नेत्रत्व का आशीर्वाद व कार्यकर्ताओ का स्नेह प्राप्त है

वेसे तो प्रदेश मे काँग्रेस के पास दिग्विजय सिंह के अलावा कोई नेतृत्व वचा ही नही है, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बुरी तरह अपने क्षेत्र मे उलझ गए है,दिग्विजय सिंह भी अपने क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे है,एसे मे काँग्रेस के पास ग्वालियर -चंबल संभाग मे यदि कोई बड़ा नेता है तो डॉ गोविंद सिंह व चो राकेश सिंह है,अटेर से चुनाव जीते हेमंत कटारे अपनी बड़ी जीत को सम्हाल नही पा रहे है,उप नेता प्रतिपक्ष की ज़िम्मेदारी मिलने से क्षेत्र से बाहर रहने का उन्हे अच्छा बहाना मिल गया है, एसे मे फूल सिंह बरैया की नैया पार लगाने की ज़िम्मेदारी डॉ गोविंद सिंह के कंधो पर है और डॉ गोविंद सिंह ने भी ऐलान भी कर दिया है, कि विधान सभा की हार का बदला लोकसभा मे जीत दिलाकर लेंगे, वे काँग्रेस प्रत्यासी के साथ ताबड़तोड़ चुनावी सभाए भी कर रहे है,

भाजपा चार सौ पार के नारे के साथ मुस्तेदी से मेदान मे

यह सही है कि भारतीय जनता पार्टी मे चुनाव संगठन लड़ता है, भारतीय जनता पार्टी ने टिकिट घोषणा से पहले विभिन्न समितियों का गठन कर ज़िम्मेदारी सोप दी है चुकि अब भाजपा सबसे बड़ा दल बन चुका है तो गुटबाजी का थोड़ा बहुत असर आना स्वाभाविक है फिर भी कार्यकर्ता संगठन को सर्वोपरि मानकर काम करता है, भारतीय जनता पार्टी चार सौ पार के नारे के साथ मुस्तेदी से मेदान मे है पूरे देश मे न्यू जोइनिग का अभियान चल रहा है,भिंड -दतिया लोक सभा क्षेत्र मे अपनी पकड़ को मजबूत करने विधानसभा चुनाव मे भाजपा से बसपा मे गए डॉ रामलखन सिंह भी अब भाजपा मे आ गए है, हालाकि विधानसभा चुनाव मे और भी दिग्गज नेताओ ने पार्टी छोड़ी थी उनमे लहार के पूर्व विधायक रसाल सिंह व अटेर के पूर्व विधायक मुन्ना सिंह भदोंरिया भी बागी होकर चुनाव लड़ गए थे यह दोनों ही नेता अपने अपने क्षेत्र मे प्रभाव रखते है इनका रुख अभी तक स्पष्ट नही है।

2019 मे संध्या को महगाव मे मिली थी सबसे बड़ी बढ़त

भारतीय जनता पार्टी की प्रत्यासी संध्या राय 2019 के चुनाव मे लगभग दो लाख मतो से चुनाव जीती थी जिसमे सबसे बड़ी बढ़त महगाव विधान सभा क्षेत्र मे 41854 की थी जबकि सबसे कम जीत का अंतर भिंड जिले लहार व गोहद का रहा था यू कह सकते है अभी लहार गोहद और दतिया मे भांडेर विधान सभा क्षेत्र भाजपा के लिए खतरे के जॉन है

Updated : 13 April 2024 12:11 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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