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भिंड में शहर व आसपास के ग्रामीण जनों के आस्था का बड़ा केंद्र है भवानी पूरा बड़ी माता का मंदिर

पुरातात्विक दृष्टि से 11 वी शताब्दी की देवी प्रतिमाए होती है प्रतीत

भिंड में शहर व आसपास के ग्रामीण जनों के आस्था का बड़ा केंद्र है भवानी पूरा बड़ी माता का मंदिर
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भिंड। चैत्र नवरात्रि पर भवानी पूरा बड़ी माता मंदिर भिंड नगर व आसपास के ग्रामीण जनो के पुजा अर्चन के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है यहा नवरात्रि पर श्रद्धालुओ की भीड़ जमा होती है मंदिर परकोटे के सामने काफी लंबा चौड़ा मेदान है उसके चारो ओर देवस्थान है मंदिर के सामने एक बड़ा कूआ भी है जो अब जर्जर हालत मे है शायद मेला मे आने वाले श्रद्धालुओं के पीने व पुजा के लिए पानी व्यवस्था हेतु खुदवाया गया होगा, स्थानीय लोग बताते है पहले शहर मे देवी माँ का यही एक मात्र मंदिर था बाद मे गढ़ैया पर देवी माँ की स्थापना हुई इसलिए इनको बड़ी माता ब गढ़ैया बाली को छोटी माता के नाम से पुकारा जाता है इसी बस्ती मे रहने बाले 71 बर्ष के सेवानिवरत शिक्षक हरिप्रसाद के अनुसार मंदिर कितना पुराना है और किसने बनवाया था यह बता पाना मुश्किल है स्थानीय बुजुर्ग बताते है मंदिर की प्राचीनता का इतिहास बता पाना मुश्किल है पर जीर्णोद्धार कंचोगरा के भदोरिया परिवार ने कराया था।


ऋषि मुनियों की तपो भूमि रहा भिंड शहर धार्मिक क्षेत्र मे भी अपनी एक अलग पहिचान रखता है यहा स्थापित प्राचीन मंदिर पुरातात्विक व धार्मिक महत्व को भी उजागर करते है। पुराने भिंड मे स्थित भवानी पूरा बड़ी माता मंदिर काफी प्राचीन है इस बात को पुरात्विक विशेषज्ञ के अलावा यहा निवास करने वाले 90 साल की आयु को पार कर चुके बुजुर्ग भी पुष्ट करते है लेकिन देखरेख के आभाव मे इतिहास से जुड़े बड़ी माता मंदिर प्रशासन व आम जन के बीच ऊपेक्षित बना हुआ है मंदिर की सौंदर्यता व आसपास का बड़ा परिसर तेजी से सिकुड़ रहा है, भिंड के इतिहास के साक्षी बड़ी माता मंदिर के देखरेख व रखरखाव की आवश्यकता महसूस की जा रही है जिस पर भिंड नगर के प्रबुध जन व जिला प्रशासन दोनों को ध्यान देने की जरूरत है।

मां भवानी जगतजननी का यह प्राचीन मंदिर जिसे भवानी पुरा वाली बड़ी माता के रूप मे पहिचाना जाता है यह बार्ड कृ 26 के भवानी पूरा मे स्थित है। इसके बारे मे नरसिह कुमार चौबे बताते है कि यह मंदिर भिंड बसा होगा उस से भी पुराना प्रतीत होता है पहले मंदिर के आसपास बस्ती नही थी पुरानी बस्ती से कुछ ही दूरी पर सूनसान स्थान पर था जब भिंड के विकास के साथ उसका क्षेत्रफल बढ़ा तो अब यहा भी घनी बस्ती है मंदिर के आसपास जाटब व वाल्मीक समाज के परिवारों के मकान बने है. इस बस्ती का नामकरण भी बड़ी माता माँ भवानी के नाम से भवानी पूरा पड गया है।

क्या कहते है पुरातात्विकविद

पुरातात्विक दृष्टि से 11 वी शताब्दी की देवी प्रतिमाए प्रतीत होती है भिंड जिला पुरातत्व अधिकारी वीरेंद्र पांडे बताते है कि मंदिर के आसपास खंडित पड़ी प्रतिमाओं की नक्कासी से लगता है यह मंदिर 11 वी शताब्दी का है,आक्रांताओ ने मंदिरो मे की तोड़ फोड़ का यह मंदिर भी शायद शिकार हुआ हो,मंदिर का ऊपरी ढ़ाचा अब नया बन चुका है मंदिर के गर्भ गृह मे अगल बगल तीन देवी प्रतिमाए स्थापित है मंदिर के बाहर दोनों ओर बड़े शेर खड़े है

Updated : 13 April 2024 12:00 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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