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क्रिकेट का दुर्भाग्य: आठ साल से वनडे क्रिकेट मैच को तरस रहे ग्वालियरवासी

क्रिकेट का दुर्भाग्य: आठ साल से वनडे क्रिकेट मैच को तरस रहे ग्वालियरवासी
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ठेकेदार और आर्किटेक्ट के झगड़े में अटका नए स्टेडियम का निर्माण

ग्वालियर/ विशेष प्रतिनिधि। आठ साल पहले ग्वालियर के कैप्टेन रूप सिंह स्टेडियम पर दूधिया रोशनी में खेले गए वनडे क्रिकेट मैच पर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने दोहरा शतक ठोककर साउथ अफ्रीका को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था, लेकिन इसके बाद अंतर्राष्टÑीय वनडे मैच के लिए ग्वालियरवासी लगातार इंतजार कर रहे हैंऔर एक के बाद वनडे मैच से लेकर आईपीएल मैच भी इंदौर में खेले जा रहे हैं। इसके पीछे सिर्फ एक कारण है कि एमपीसीए द्वारा ग्राम शंकरपुर में नए स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है। यह स्टेडियम बन जाएगा, तब उसमें वनडे मैच होंगे।

अब यहां सवाल यह है कि यह स्टेडियम 30 एकड़ क्षेत्रफल में 125 रुपए की लागत से बनने जा रहा है। लेकिन यह स्टेडियम कब तक बनकर तैयार होगा। इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। फिलहाल तो स्टेडियम का निर्माण कर रही वशिस्टा कंपनी हैदराबाद और अहमदाबाद के आर्किटेक्ट जीएमएस के बीच भुगतान को लेकर विवाद हो गया है। जिससे निर्माणकार्य ठप पड़ा हुआ है। वहीं यह भी चर्चा है कि इस स्टेडियम के लिए पहले जमीन खरीदना और अब निर्माण कराने में एमपीसीए के चेयरमैन पद से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के हटने के कारण मामला बार-बार लटक रहा है।

जानकारी के मुताबिक कैप्टेन रूप सिंह स्टेडयम पर हर दो तीन साल में एक वनडे मैच जरूर हो जाया करता था। लेकिन बोर्ड के नए नियम की स्वयं का स्टेडियम होने पर ही वनडे मैच मिल सकेगा, की वजह से एमपीसीए को शंकरपुर में 30 एकड़ जमीन खरीदना पड़ी। लगभग दो साल पहले यहां निर्माण शुरू हुआ। मैदान बनने के बाद घास और पिचें बनकर तैयार हैं। एक तरफ पवेलियन भी एक मंजिल बना है। लेकिन इस पूरे निर्माण में काफी वक्त लगना है। इस संवाददाता ने मौके पर जाकर देखा तो पाया कि निर्माणकार्य पूरी तरह से बंद है। सिर्फ मैदान में कुछ कर्मचारी पिच के आस-पास काम कर रहे थे। वहां पर आर्किटेक्ट का साइट इंजीनियर हामिद अंसारी इधर-उधर घूम रहा था। पूछने पर बोला कि यहां सब कुछ ठीक हैं। भुगतान की कोई समस्या नहीं है, हमें तो एडवांस में भुगतान मिल रहा है। लेकिन जब इस मामले की हकीकत पता की तो मालूम पड़ा कि आर्किटेक्ट और ठेकेदार में भुगतान को लेकर विवाद है। जिस वजह से एमपीसीए ने भुगतान रोक दिया है। भुगतान रुकने के कारण स्टेडियम पर किसी तरह का निर्माण आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

जून 18 में पूर्ण होना है स्टेडियम

एमपीसीए ने ठेकेदार से जून 2018 तक स्टेडियम निर्माण पूर्ण करने की शर्त पर यह ठेका दिया था। अभी तक स्टेडियम में लगभग 22 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। लेकिन आर्किटेक्ट और ठेकेदार के झगडेÞ में निर्माण लटकने से यह काम कब पूरा हो पाएगा। इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

सीईओ ने की थी नाराजगी जाहिर

पिछले दिनों एमपीसीए के सीईओ रोहित पंडित ग्वालियर आए थे, और उन्होंने शंकरपुर में बन रहे नए स्टेडियम का मुआयना किया था। लेकिन काम की गति धीमी होने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की थी। लेकिन उनके जाने के बाद काम तो तेज हुआ नहीं उल्टे बंद हो गया।

इनका कहना है

ग्राम शंकरपुर में बन रहे स्टेडियम निर्माण के दौरान ठेकेदार और आर्किटेक्ट में कुछ पैमेन्ट कटवाए जाने के कारण विवाद है। चूंकि सीईओ श्री पंडित के यहां गमी हो गई है। इसलिए हम कुछ दिन बाद ठेकेदार बदलकर काम शुरू करा देंगे। शीघ्र ही आपको एक नए टूर्नामेंट कराए जाने की अच्छी खबर भी देंगे।

प्रशांत मेहता

कार्यकारी अध्यक्ष

जीडीसीए एवं सदस्य स्टेडियम निर्माण

Updated : 14 Feb 2018 12:00 AM GMT
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