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हार्वे में फंसे 200 भारतीय छात्र बाहर निकाले गए

हार्वे में फंसे 200 भारतीय छात्र बाहर निकाले गए
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टेक्सस। ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के परिसर में बाढ़ में फंसे 200 भारतीय छात्रों को बाहर निकाल लिया गया है। लेकिन अब भी वहां बाढ़ की स्थिति गंभीर है। उम्मीद है कि अभी बाढ़ के पानी को निकलने में करीब एक सप्ताह लगेंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज (मंगलवार) ह्यूस्टन का दौरा करेंगे। यह जानकारी मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली। विदित हो कि इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को ट्वीट कर इन छात्रों के फंसे होने की जानकारी दी थी। उन्होंने यह भी बताया था कि दो भारतीय छात्र शालिनी और निखिल भाटिया को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में विनाशकारी तूफान हार्वे के बाद इस बार ऐसी भयंकर बाढ़ आई है कि जिसे देखकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी चिंतित हैं। इस बाढ़ का हाल जानने के लिए वह खुद अपनी पत्नी के साथ ह्यूस्टन शहर जाने वाले हैं। बाढ़ से ह्यूस्टन शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। चक्रवाती तूफान हार्वे ने अमेरिका के कई इलाकों में भारी तबाही मचाई है। विगत 12 साल में यह सबसे ताकतवर चक्रवाती तूफान है। इससे टेक्सास और ह्मूस्टन में जबर्दस्त बारिश हुई है। सड़कों पर नावें चल रही हैं। सैकड़ों इमारतें ढह गई हैं। दो लाख घरों की बिजली गुल है। हजारों लोग छतों पर रात बिता रहे हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, दो दिनों में टेक्सस शहर पर 11 ट्रिलियन गैलन (41 लाख करोड़ लीटर) पानी गिरा है। यह उतना ही है जितना कैलिफोर्निया में साल 2015 में आए सदी के सबसे बड़े सूखे को खत्म करने के लिए चाहिए था। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “यह अब तक का सबसे बड़ा है। यह ऐतिहासिक है। संभवत: पहले इस तरह का कुछ नहीं हुआ। खाड़ी तट पर सप्ताहांत में तूफान आया था और इसने ह्यूस्टन प्रांत को जल प्लावित कर दिया।”

अमेरिका के टेक्सस में भले ही हार्वी तूफान भले ही धीमा पड़ गया हो, लेकिन वह अपने पीछे विनाशकारी मंजर छोड़ गया है। तूफान के बाद आई बारिश के बाद बाढ़ की वजह से 30 हजार लोग बेघर हो गए हैं। अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे टेक्सस राज्य में एक करोड़ से ज्यादा लोग मुश्किल में फंसे हैं।

Updated : 29 Aug 2017 12:00 AM GMT
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