तमिलनाडु विधानसभा में हंगामा, मेज-कुर्सियां तोड़ीं
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चेन्नई| तमिलनाडु में 29 सालों बाद बहुमत परीक्षण हो रहा है। हालांकि इस दौरान सदन में हाई वोल्टेज ड्रामा चला और स्पीकर ने डीएमके की गुप्त मतदान की मांग को खारिज कर दिया। जिसके बाद सदन में डीएमके विधायकों जबर्दस्त हंगामा किया स्पीकर के सामने वाली टेबल-कुर्सी तोड़ दी और माइक्रोफोन भी फेंक दिये। जिसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।
डीएमके कार्यवाहक अध्यक्ष और विपक्ष के नेता एमके स्टालिन ने सवाल उठाया कि जब राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन दिए हैं तो इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई जा रही है। इसके बाद डीएमके विधायक ने बेंच पर खड़े होकर गुप्त मतदान कराने को लेकर नारेबाजी करने लगे। बहुमत परीक्षण के दौरान कांग्रेस ने भी गुप्त मतदान की मांग की। इसके अलावा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी गुप्त मतदान की मांग की। लेकिन स्पीकर ने इनकी मांग खारिज कर दी।
विधानसभा में मतदान के दौरान ब्रीफिंग रूम के बाहर लगे टीवी और स्पीकर्स को बंद कर दिये गए। इसके अलावा मीडिया को भी विधानसभा कार्यवाही की जानकारी देने से इनकार कर दिया गया।
बहुमत परीक्षण से पहले पलानीसामी के कांग्रेस की ओर से झटका मिला है। तमिलनाडु कांग्रेस समिति प्रमुख एस तिरूनवुक्करासर ने कहा है कि कांग्रेस पलानीस्वामी सरकार के खिलाफ मतदान करेगी। वहीं ताजा घटनाक्रम में तमिलनाडु में कूवाथुर स्थित एक रिसोर्ट में पिछले 10 दिनों से बंद AIADMK विधायक अरुण कुमार नेकहा कि वह पलानीसामी सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव का बहिष्कार करेंगे।
कोयम्बटूर उत्तर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अरुण कुमार किसी तरह रिसोर्ट से बाहर निकलकर अपने घर पहुंचे। अरुण कुमार ने कहा कि उन्होंने एक परिवार विशेष द्वारा सरकार को नियंत्रित किये जाने के विरोध में पार्टी के कोयम्बटूर शहर जिला सचिव पद से अपना इस्तीफा दे दिया है।
राज्य में विधानसभा में कुल 234 सीटें हैं। AIADMK के पास 135 और डीएमके पास 89 सीटें हैं। जयललिता के निधन के बाद उनकी सीट खाली है। कांग्रेस के पास 8 सीट और मुस्लिम लीग के पास एक सीट है। पलानीसामी ने 123 विधायकों के सपोर्ट का दावा किया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री पन्नीसेल्वम ने दावा किया है कि उनके पास दर्जन भर विधायकों का सपोर्ट है। माना जा रहा है कि ये विधायक पलानीसामी का खेल बिगाड़ सकते हैं। डीएमके ने भी कह दिया है कि उसके 89 विधायक पलानीसामी के खिलाफ ही वोटिंग करेंगे। पलानीसामी को सरकार बचाए रखने के लिए कम से कम 118 विधायकों का सपोर्ट जरूरी होगा।