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आपकी अंकसूची स्पीड पोस्ट से भेज दी है, आप शिकायत बंद कर दें

आपकी अंकसूची स्पीड पोस्ट से भेज दी है, आप शिकायत बंद कर दें
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-जीवाजी विवि के कर्मचारियों ने शिकायतकर्ताओं को लगाए फोन
ग्वालियर। आपने मुख्यमंत्री हैल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। हमने आपकी अंकसूची स्पीट पोस्ट के माध्यम से पहुंचा दी है, लेकिन उसके बाद भी आपकी शिकायत बंद नहीं हुई है, इसलिए शासन ने जवाब मांगा है। कृप्या आप फोन करके तत्काल अपनी शिकायत बंद करा दें। यह बात बुधवार को जीवाजी विश्वविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री हैल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ताओं को फोन लगाते हुए कही।

दरअसल मुख्यमंत्री हैल्पलाइन पर जीवाजी विश्वविद्यालय से पिछले तीन साल में 11 हजार शिकायतें दर्ज हुई हैं। इनमें से छह हजार प्रकरण ऐसे हैं, जिन्हें फोर्स फुल बंद कर दिया गया है। इसकी हकीकत जानने के लिए उच्च शिक्षा आयुक्त नीरज मंडलोई ने आठ दिसम्बर को जीवाजी विवि के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। इसी के चलते शासन को जवाब प्रस्तुत करने के लिए विवि अधिकारी और कर्मचारी बुधवार को मुख्यमंत्री हैल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण करने के लिए दिन भर जुटे रहे। अधिकारियों ने शिकायतों के प्रिंट निकालकर परीक्षा व गोपनीय विभाग के कर्मचारियों को सौंप दिए।

इसमें सबसे ज्यादा परीक्षा, गोपनीय और छात्रवृत्ति के प्रकरण सामने आ रहे हैं। कुछ शिकायतें इसलिए बढ़ी हैं क्योंकि कई छात्रों ने एक दर्जन से अधिक बार अपनी शिकायत दर्ज कराई है। फाइनल रिपोर्ट गुरुवार को दोपहर रजिस्ट्रार प्रो. आनंद मिश्रा को दी जाएगी। वहीं जीवाजी विवि के कुलसचिव प्रो. आनंद मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री हैल्पलाइन का पक्ष रखने के लिए डिप्टी रजिस्ट्रार राजीव मिश्रा, अरुण सिंह चौहान एवं सांख्यिकी अधिकारी प्रदीप शर्मा को जिम्मेदारी दी गई है। यह तीनों अधिकारी विश्वविद्यालय का रिकार्ड लेकर आठ दिसम्बर को भोपाल जाएंगे।

फर्जी उपस्थिति के सहारे परीक्षा परिणाम घोषित कराने पहुंचा छात्र

बुधवार को एक छात्र फर्जी उपस्थिति के सहारे बीएचएमएस का परीक्षा परिणाम घोषित करने के लिए जीवाजी विवि पहुंचा, लेकिन जांच के दौरान कर्मचारियों ने मामले को पकड़ लिया। इस मामले में परीक्षा नियंत्रक ने जांच के आदेश दिए हैं। जानकारी के अनुसार जीवाजी विश्वविद्यालय में बीएचएमएस चतुर्थ प्रोफ. का रिजल्ट घोषित कराने के लिए वाराणसी से आए आरएनएस महाविद्यालय गोरमी के छात्र ने विवि से टोकन लिया और अटेंडेंस शीट सहित पुरानी अंकसूचियों की फोटोकॉपी जमा कर दी। जब यह दस्तावेज मेडिकल सेल में पहुंचे तो वहां कार्यरत स्टाफ ने जांच के लिए रिकार्ड का मिलान कराया, जिसमें पता चला कि छात्र संबंधित विषय में अनुपस्थित है और परीक्षा परिणाम घोषित कराने के लिए उसने फर्जी अटेंडेंस शीट तैयार कर ली है। इसके बाद शिक्षक ने छात्र के दस्तावेज परीक्षा नियंत्रक डॉ. राकेश कुशवाह के पास भेज दिए, जहां परीक्षा परिणाम रोकने के साथ ही जांच के निर्देश दिए गए हैं।

Updated : 7 Dec 2017 12:00 AM GMT
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