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राज्यसभा में नहीं बोल पाए तो फेसबुक पर ‘बोले’ सचिन

राज्यसभा में नहीं बोल पाए तो फेसबुक पर ‘बोले’ सचिन
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-आर्थिक समृद्धि तभी जब इंडिया फिट होगा
नई दिल्ली। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर को राज्यसभा में नहीं बोलने दिया गया था। लेकिन, उन्होंने खामोश रहना उचित नहीं समझा। यही वजह है कि जो बात वह संसद के ऊपरी सदन में नहीं कह सके उसी बात को उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट कर कह डाली। उन्होंने शिक्षा के अधिकार की तरह ही भारत के बच्चों को खेलने का अधिकार देने की वकालत की है। सचिन ने खेलकूद को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की भी हिमायत की है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से विशेष अनुरोध कर पदक जीतकर देश का मान-सम्मान बढ़ाने वालों को केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा (सीजीएचएस) का लाभ देने का आग्रह किया है। सचिन ने कहा कि मेरे लिए वह दिन सबसे बड़ा होगा, जिस दिन मां अपने बच्चों से पूछेगी आज तुम खेले की नहीं। सचिन विपक्ष के हंगामे के कारण गुरुवार को राज्यसभा में अपनी बात नहीं रख पाए थे। अब उन्होंने एक वीडियो पोस्ट अपनी बात जनता और जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाने का प्रयास किया है। सचिन ने कहा- मेरे पिता प्रोफेसर रमेश तेंडुलकर कवि और लेखक थे। उन्होंने हमेशा मेरा उत्साह बढ़ाया, ताकि मैं वह बन सकूं जो मैं चाहता हूं। सबसे बड़ी बात जो मैंने उनसे सीखी वह है- खेलने की आजादी और खेलने का अधिकार। मास्टर ब्लास्टर ने आगे कहा, देश में इस समय कई ऐसे मसले हैं, जिनपर ध्यान देने की जरूरत है। जैसे अर्थिक विकास में वृद्धि, खाद्य सुरक्षा, गरीबी और स्वास्थ्य। लेकिन, एक खिलाड़ी होने के नाते मैं खेल, स्वास्थ्य और फिटनेस पर बात करूंगा। आर्थिक समृद्धि तभी हासिल की जा सकती है, जब इंडिया फिट होगा। युुुुवा देश होने के नाते यह माना जा रहा है कि हम यंग हैं तो फिट हैं। लेकिन, हम लोग गलत हैं। भारत डायबिटिक कैपिटल बन चुका है। साढ़े सात करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। मोटापा के मामले में भारत पूरी दुनिया में तीसरे स्थान पर है। इसके कारण स्वास्थ्य संबंधी खर्च बहुत बढ़ गया है। ऐसे में हमारा देश रफ्तार के साथ आगे नहीं बढ़ पा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2030 तक गैरसंचारी बीमारियों पर होने वाला व्यय चार करोड़ करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।

Updated : 23 Dec 2017 12:00 AM GMT
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