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डॉ कलाम भारत को अग्रणी आर्थिक शक्ति के रूप में देखना चाहते थे

डॉ कलाम भारत को अग्रणी आर्थिक शक्ति के रूप में देखना चाहते थे
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नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि डॉ कलाम ने भाक्षा एवं अंतरिक्ष प्रणालियों को आत्मनिर्भर बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई। उपराष्ट्रपति यहां डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की 86वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोहों के एक हिस्से के रूप में ‘स्वच्छ एवं हरित भारत‘ के लिए रैली को झंडी दिखाने के अवसर पर एकत्र जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।

उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि डॉ कलाम नाव बनाने वाले के पुत्र थे जो अपने परिवार की आजीविका में मदद करने के लिए बचपन में अखबार बांटा करते थे। उन्होंने कड़ी मेहनत, लगन एवं आत्म-विश्वास की बदौलत वहां से भारत के प्रथम नागरिक बनने तक की अविस्मरणीय यात्रा की। उन्होंने कहा कि ‘लोगों के राष्ट्रपति‘ स्कूली छात्रों एवं युवाओं को हमेशा सलाह दिया करते थे कि ‘स्वप्न देखने की हिम्मत करो और आसमान तक पहुंचने की कोशिश करो।‘

उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति के उत्कृष्ट पद पर पहुंचने के बावजूद डॉ कलाम हमेशा जीवनभर सरल और विनम्र बने रहे तथा उन सबके साथ हमेशा प्यार और गर्मजोशी से मिलते थे जो उनके साथ काम करते थे या उनके परिचित थे, चाहे वे कियी भी पद पर या किसी भी पृष्ठभूमि के क्यों न रहे हों। उपराष्ट्रपति महोदय ने स्मरण किया कि उन्होंने डॉ कलाम से कई अवसरों पर मुलाकात की थी और उनके साथ की गई कोई भी चर्चा उनके लिए सीखने का एक अनुभव होता था।

उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि डॉ कलाम का विजन 2020 तक भारत को एक विकसित देश के रूप में पूरी तरह रूपांतरित होते देखना था और उन्हें भरोसा था कि लोगों की प्रतिभा, लगन और कड़ी मेहनत को देखते हुए भारत के लिए यह दर्जा हासिल करना मुश्किल नहीं था। उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि डॉ कलाम हमेशा कहा करते थे कि ‘मजबूती ही मजबूती का सम्मान करती है‘ और वह भारत को एक अग्रणी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरते देखना चाहते थे।

Updated : 16 Oct 2017 12:00 AM GMT
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