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पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा का शानदार प्रदर्शन, 212 ग्राम पंचायतों पर कब्जा

ग्राम पंचायतों की तरह आठ पंचायत समितियों पर भी भाजपा ने कब्जा जमाया है

पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा का शानदार प्रदर्शन, 212 ग्राम पंचायतों पर कब्जा
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की मतगणना बुधवार दोपहर तक भी पूरी नहीं हो पाई है। हालांकि 63 हजार से अधिक ग्राम पंचायत की सीटों पर हुए चुनाव की तस्वीर लगभग साफ हो गई है। इनमें से 70 फीसदी सीटों पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कब्जा जमाया है लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। 2018 के पंचायत चुनाव में भारी हिंसा के बीच पार्टी केवल एक ग्राम पंचायत पर ही कब्जा कर पाई थी। बुधवार सुबह 11:00 बजे तक घोषित आंकड़ों के मुताबिक इस बार भाजपा ने 212 ग्राम पंचायतों पर कब्जा किया है। 10 हजार से अधिक ग्राम पंचायत उम्मीदवारों की जीत के बाद यह संभव हो पाया है।

इसे लेकर भाजपा नेता शिशिर बाजोरिया ने कहा कि मतगणना में कई मामलों में बराबर मत पड़े हैं जिसके बाद टॉस करके फैसला हुआ। पूरा विपक्ष एक भी टॉस नहीं जीता और हर एक में तृणमूल की जीत हुई। इसके अलावा पंचायत चुनाव वाले दिन सबने देखा कि किस तरह मतपत्र लूट लिए गए। मतपेटियों में स्याही डाल दी गई, तोड़फोड़ हुई, सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए गए, छप्पा वोटिंग हुई। बावजूद इसके पार्टी का एक से बढ़कर 212 ग्राम पंचायतों पर कब्जा होना, हम सफलता के तौर पर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों की 15 फीसदी सीटों पर भाजपा का कब्जा हुआ है जो उत्साहित करने वाला है।

भाजपा का शानदार प्रदर्शन -

ग्राम पंचायतों की तरह आठ पंचायत समितियों पर भी पार्टी ने कब्जा जमाया है। इसके पहले एक भी पंचायत समिति पर भाजपा का कब्जा नहीं था लेकिन इस बार आठ पंचायत समिति पार्टी के कब्जे में है।बाजोरिया ने कहा कि पूर्व मेदिनीपुर और उत्तर बंगाल में भाजपा ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जहां भी काउंटिंग में तृणमूल के उम्मीदवार 100 सीटों से हारे हैं वहां री-काउंटिंग हुई और तृणमूल के उम्मीदवारों को जीत दे दी गई है। पूरी प्रशासनिक मिशनरी ने तृणमूल के पक्ष में काम किया है। बावजूद इसके लोगों ने भाजपा के प्रति प्यार दिखाया है। निश्चित तौर पर भविष्य में और बेहतर परिणाम होगा।

लोकसभा में भी बड़ी जीत की उम्मीद -

पंचायत चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा था। शिशिर बाजोरिया से पूछा गया कि क्या इसका असर लोकसभा चुनाव पर होगा तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर होगा। पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने हिंसा के जरिए वोट लूट लिया लेकिन लोकसभा चुनाव में ऐसा नहीं कर पाएंगे। एक-एक मतदान केंद्र पर केंद्रीय बलों की सुरक्षा रहेगी जिसमें तृणमूल की एक नहीं चलने वाली है। भाजपा का प्रदर्शन 2019 के मुकाबले बेहतर होगा।

Updated : 12 July 2023 8:47 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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