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बंगाल विधानसभा में मचा हंगामा, भाजपा ने तृणमूल सरकार के मंत्रियों की गिरफ्तारी की मांग की

बंगाल विधानसभा में मचा हंगामा, भाजपा ने तृणमूल सरकार के मंत्रियों की गिरफ्तारी की मांग की
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल राज्य विधानसभा में सोमवार को एक बार फिर हंगामा हुआ है। अवैध तरीके से नियुक्त किए गए लोगों को शिक्षक के तौर पर बरकरार रखने के लिए अतिरिक्त पद सृजित करने के मंत्रिमंडल के फैसले को लेकर भाजपा ने सदन में स्थगन प्रस्ताव पेश किया। हालांकि अध्यक्ष विमान बनर्जी ने इसे खारिज कर दिया जिसके बाद भाजपा विधायकों ने नारेबाजी की और सदन से वाकआउट कर गए।

नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्य के शिक्षा सचिव मनीष जैन ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में बताया है कि जिन लोगों को गैरकानूनी तरीके से शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया है उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने के कोर्ट के फैसले के बावजूद उन्हें नौकरी पर बहाल रखने के लिए अतिरिक्त पद सृजित करने का फैसला मंत्रिमंडल से लिया गया था। शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने भी इसकी पुष्टि की है। इसलिए ऐसा फैसला लेने वाले मंत्रिमंडल के सदस्यों की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए। हालांकि भाजपा की ओर से जो प्रस्ताव पेश किया गया था उस पर अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा कि मामला न्यायालय में लंबित है इसलिए विधानसभा में इस पर चर्चा का कोई औचित्य नहीं बनता। इसके बाद ही भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया ।

उल्लेखनीय है कि शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि ग्रुप-सी, ग्रुप-डी, नौवीं और दसवीं श्रेणी में हजार से अधिक ऐसे शिक्षकों को नियुक्त किया गया है जिन्होंने परीक्षा पास नहीं की या परीक्षा में ही नहीं बैठे। बड़े पैमाने पर घूस देने की वजह से इन्हें शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया। वजह से घूस की राशि बरामद होने के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित कई लोग जेल की हवा खा रहे हैं। कोर्ट ने ऐसे अवैध तरीके से नियुक्त हुए लोगों को नौकरी से बर्खास्त करने का आदेश दिया है लेकिन मंत्रिमंडल ने इन्हें नौकरी पर बहाल रखने के लिए फैसले लिए और इसके लिए अतिरिक्त पद सृजित करने की सहमति बनी। इसके बाद ही शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने शिक्षा सचिव मनीष जैन को अतिरिक्त पद सृजित करने का निर्देश दिया था। दूसरी ओर 18 हजार से अधिक योग्य उम्मीदवार हैं जिन्होंने परीक्षा तो पास की है वह पिछले छह सालों से कोलकाता में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उनकी नौकरी के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।

Updated : 28 Nov 2022 12:30 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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