भारत के भाल पर मातृशक्ति का 'विजय तिलक'

देव दीपावली के अवसर पर भारत की देवीरूपी बेटियों ने क्रिकेट में विश्व विजयी पताका (तिरंगा) फहराने का कीर्तिमान स्थापित कर दिया। देशभर में रविवार को देव दिवाली के साथ-साथ क्रिकेट की विजय पर हमारी बेटियों, मातृशक्ति का जयकारा और भारत माता की जय की गूंज कश्मीर से कन्याकुमारी तक और दिल्ली से दार्जिलिंग तक सुनाई दी। निरंतर अभ्यास और परिश्रम से ही विश्व विजय का संधान किया जा सकता है।
नवी मुंबई में रविवार को भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंतिम फाइनल मुकाबले में 'करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान...' और 'कोशिश करने वालों की हार नहीं होती...' कहावत को चरितार्थ किया। भारत की मातृशक्ति ने क्रिकेट के मैदान में पुरुषों की एकतरफा बादशाहत से इतर महिलाओं की भागीदारी और शौर्य का सफल प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम को वनडे वर्ल्ड कप में यह सफलता इतनी आसानी से प्राप्त नहीं हुई है। इसके लिए महिला खिलाड़ियों ने अनथक प्रयास और निरंतर परिश्रम की पराकाष्ठा पार की। इसी मेहनत के कारण भारतीय टीम तीसरी बार वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने में सफल रही, और इस बार विश्व विजेता के रूप में उसने सफलता हासिल की। इसके सिर पर विजय का सेहरा बंधा।
2005 और 2017 में इस महिला क्रिकेट टीम का विश्व चैंपियन बनने का सपना टूट गया था, लेकिन हरमनप्रीत की कप्तानी में भारतीय बेटियों ने इतिहास रचने का ऐतिहासिक पड़ाव पूरा कर लिया। यह इसलिए भी ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि सेमीफाइनल में सात बार की विश्व विजेता ऑस्ट्रेलिया टीम को हराकर भारतीय टीम ने विश्व विजेता बनने का मार्ग तैयार किया।
विश्व विजय के बाद देश-विदेश में भारतीय बेटियों के सम्मान में बधाई संदेश और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न सम्मानों का सिलसिला जारी है। बीसीसीआई से लेकर राज्य सरकारें, उद्योगपति, कारोबारी और बड़ी कंपनियां भी भारतीय बेटियों की इस स्वर्णिम उपलब्धि पर बधाई दे रही हैं और उनके सम्मान में स्नेहभाव प्रकट कर रही हैं। आईसीसी ने पहले ही 40 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है, जबकि बीसीसीआई ने 51 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। यह राशि मात्र पुरस्कार नहीं, बल्कि बेटियों को उनके संपूर्ण प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहन है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी क्रिकेट में महिलाओं की विश्व विजय पर बधाई दी और छतरपुर की बेटी क्राति गौड़ को एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की। वहीं, सूरत के उद्योगपति और राज्यसभा सदस्य गोविंद ढोलकिया ने विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ियों को बधाई स्वरूप डायमंड का हार देने की बात कही।
देशभर में बेटियों की इस विश्व विजय पर उत्साह और सकारात्मक माहौल देखने को मिला। भारतीय बेटी क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत जब मंच पर वर्ल्ड कप ट्रॉफी लेने पहुंची, तो ऐसा लगा जैसे एशिया के परिंदे पूरी दुनिया के सामने यह जय घोष कर रहे हों कि हमारी हद आसमान है। इस दीप्तिमान क्षण में मातृशक्तियों (बेटियों) ने विश्व विजेता बनकर भारत के संकल्प और जिजीविषा को रेखांकित किया। भारत के लिए यह गर्व का क्षण है। एशिया की पहली विश्व विजेता टीम ने भारत के भाल पर 'विजय तिलक' सजाया।
