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वाराणसी: ग्रीन कोरिडोर बनाकर बोकारो से बनारस पहुंचा ऑक्सीजन टैंकर

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इस ऑक्सीजन टैंकर को पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने रामनगर तक पहुंचाया। इसके साथ ही ट्रेन से भेजे गए तीन टैंकर भी बोकारो से रवाना हो चुके हैं।

वाराणसी: ग्रीन कोरिडोर बनाकर बोकारो से बनारस पहुंचा ऑक्सीजन टैंकर
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वाराणसी: कोरोना संक्रमण के चलते ऑक्सीजन की कमी से कराहते वाराणसी के लिए राहत भरी खबर है। वाराणसी समेत पूर्वी यूपी के अलग-अलग जिलों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए रखने के लिए बोकारो से ऑक्सीजन टैंकर रामनगर पहुंच गया है।

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इस ऑक्सीजन टैंकर को पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने रामनगर तक पहुंचाया। इसके साथ ही ट्रेन से भेजे गए तीन टैंकर भी बोकारो से रवाना हो चुके हैं। तीनों टैंकरों को लेकर रात तक आक्सीजन एक्सप्रेस के वाराणसी पहुंचने की संभावना है। सुबह बोकारो से ट्रेन को रवाना कर दिया गया है। एक टैंकर में करीब 20 टन ऑक्सीजन क्षमता है। इसमें से 15 टन वाराणसी के लिए और पांच टन आजमगढ़ को गैस दी गई है। इसके बाद अब जो टैंकर आएगा, उसमें वाराणसी के साथ मिर्जापुर को भी गैस आपूर्ति की जाएगी। बनारस में दो दिन में एक टैंकर गैस की जरूरत है। 1500 सिलेंडर वाराणसी के अस्पतालों में सांसों को बनाए रखने के लिए चाहिए। एक टैंकर में 20 टन गैस है। इस लिहाज से 15 टन गैस यानी पंद्रह सौ सिलेंडर की वाराणसी को जरूरत है।

बताया जा रहा है कि अन्नपूर्णा इंडस्ट्रीज में एक हफ्ते के अंदर ऑक्सीजन की क्षमता दोगुनी होने की उम्मीद है। फिलहाल कंपनी में हर दिन 900 सिलेंडर ऑक्सीजन की क्षमता है। यहां पर अगर एक हफ्ते में क्षमता दोगुनी हो गई यानी कि 900 सिलेंडर की क्षमता और बढ़ गई तो रामनगर में ऑक्सीजन की क्षमता काफ़ी राहत देने वाली हो जाएगी। दूसरी ओर ट्रॉमा सेंटर और कैंसर हॉस्पिटल में कोविड के बेड अब बढ़ाए जाएंगे। ट्रामा सेंटर की क्षमता 140 बेड और कैंसर अस्पताल की 100 से अधिक बेड कर दी जाएगी।

Updated : 23 April 2021 3:38 PM GMT
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Swadesh Lucknow

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