हरदा छात्रावास पिटाई मामला: मुख्यमंत्री ने उठाया सख्त कदम, प्रशासनिक अमले में फेरबदल

मुख्यमंत्री ने उठाया सख्त कदम
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मुख्यमंत्री ने उठाया सख्त कदम

हरदा: हरदा जिले में करणी सेना के आंदोलन के दौरान राजपूत छात्रावास में पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस गंभीर प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कार्रवाई करते हुए हरदा के एडिशनल एसपी, एसडीएम और एसडीओपी को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोतवाली थाना प्रभारी और ट्रैफिक थाना प्रभारी को नर्मदापुरम आईजी कार्यालय में अटैच किया गया है।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दी कार्रवाई की जानकारी

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस पूरे मामले पर कार्रवाई की जानकारी खुद ट्वीट के माध्यम से साझा की। उन्होंने लिखा, "हरदा जिले में 13 जुलाई को राजपूत छात्रावास में घटित प्रकरण की जांच के उपरांत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसडीएम एवं एसडीओपी को तत्काल प्रभाव से हरदा जिले से हटाया गया है। थाना प्रभारी, कोतवाली एवं थाना प्रभारी (ट्रैफिक) को नर्मदापुरम् आईजी कार्यालय में अटैच किया गया है।"

सीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि छात्रावास में अनुचित बल प्रयोग और मामले को संवेदनशीलता से नहीं सुलझाने की लापरवाही के चलते यह सख्त एक्शन लिया गया है। उन्होंने अपने संदेश में यह संकेत भी दिया कि प्रशासनिक जवाबदेही तय करना सरकार की प्राथमिकता है। इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

जांच के दिए थे पहले ही आदेश

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए 16 जुलाई को ही जांच के आदेश दे दिए थे, जब वे दुबई दौरे पर थे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि छात्रावास में हुई घटना की निष्पक्ष जांच कर जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए। जांच के दौरान जिन अधिकारियों की लापरवाही और अनुचित बल प्रयोग सामने आया, उन पर अब कार्रवाई की गई है।

इस मामले को लेकर जनप्रतिनिधियों की ओर से भी लगातार दबाव बनाया गया था। करीब दर्जन भर विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस घटना पर चिंता जताई थी और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की थी।

करणी सेना के प्रदर्शन के दौरान भड़का विवाद

हरदा जिले में कुछ दिनों पहले करणी सेना द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान हालात तनावपूर्ण हो गए थे। इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के दौरान लाठीचार्ज कर दिया। विवाद तब गहराया जब पुलिस पास ही स्थित राजपूत छात्रावास में घुस गई और वहां रह रहे छात्रों पर भी लाठियां बरसाईं।

इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक स्तर पर भी हलचल मच गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने वीडियो साझा करते हुए निंदा की और निष्पक्ष जांच की मांग की थी। सोशल मीडिया पर मामला गरमाने के बाद सरकार पर दबाव बढ़ा, जिसके बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अब सख्त कार्रवाई करते हुए कई अधिकारियों को पद से हटा दिया है।

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