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सावन शिवरात्रि पर काशी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, हर-हर महादेव से गूंजा बाबा का धाम

सावन शिवरात्रि पर काशी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, हर-हर महादेव से गूंजा बाबा का धाम
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वाराणसी। सावन की त्रयोदशी पर मंगलवार को काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई। दरबार में मंगला आरती के बाद से ही दर्शन पूजन का क्रम शुरू हो गया। हालांकि सावन के सोमवार के मुकाबले भीड़ काफी कम दिखी। श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा की झांकी के दर्शन करते रहे।

बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह से गंगा तट तक बोल बम और हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं। कांवड़ियों से शहर का हर कोना केसरियामय दिख रही है। धूप और बदली के बीच कांवड़ियों का मंदिर में आने का क्रम अनवरत बना हुआ है। काशीपुराधिपति की कृपा पाने के लिए दौड़ते, झूमते, गाते, नाचते बोल बम और हर हर महादेव के जयकारे लगाते कांवड़ियों पर मौसम के तेवर का असर नही दिखा। थकने पर कुछ देर सुस्ताने के बाद फिर आस्था की डगर पर निकल रहे हैं। बाबा विश्वनाथ दरबार में गर्भगृह के चारों ओर से झांकी दर्शन और अरघे में बाहर से ही जलाभिषेक की व्यवस्था आज भी की गई है। पर्याप्त जगह की वजह से आपाधापी और भगदड़ की नौबत नहीं दिखी। उधर,सावन के दूसरे सोमवार पर देर शाम शयन आरती तक मंदिर प्रशासन द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार लगभग 6 लाख लोगों ने बाबा के स्वर्णिम दरबार में हाजिरी लगाई।

सावन माह के दूसरे सोमवार के साथ सावन की त्रयोदशी पर आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर श्री काशी विश्वनाथ धाम में विशेष व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं की छाया के लिए बड़े-बड़े पंडाल लगाए गए हैं वह कूलर और पंखे लगाकर श्रद्धालुओं की लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं। धूप से पांव न जले और बारिश में फिसलन न हो, इसके लिए पूरे परिसर सहित आने वाले मार्गों पर भी मैट की व्यवस्था मंदिर प्रशासन द्वारा की गई है। स्नान करने के बाद पैदल पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए मंदिर परिसर में पेयजल आदि के इंतजाम भी जगह-जगह किए गए हैं। किसी प्रकार की चोट लगने पर इलाज के लिए मेडिकल टीम भी मंदिर परिसर में तैनात की है।

मंगला आरती संपन्न होने के बाद ही आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के सारे प्रवेश द्वार खोल दिए गए। जैसे ही मंदिर का प्रवेश द्वार खुला श्रद्धालु हर हर महादेव और बोल बम के नारे लगाते हुए बाबा दरबार में पहुंचे और बाबा को जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, प्रसाद अर्पित कर जीवन मंगल की कामना की और बाबा से आशीर्वाद प्राप्त कर अपने अपने गंतव्य को रवाना हो गए। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किया गया है। जगह-जगह पेयजल और उनके हर परेशानी को ध्यान में रखते हुए बेहतर व्यवस्था की गई है । ताकि उनको मंदिर खुलने के बाद कहीं भी खड़े होकर दर्शन के लिए प्रतीक्षा न करना पड़े।

Updated : 6 Aug 2022 5:42 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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